पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 160 किलोमीटर लंबी ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा धाम पर समाप्त होगी। यात्रा का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है, जिसमें हजारों श्रद्धालु और साधु-संत शामिल हो रहे हैं।
Nov 25, 2024 10:56
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 160 किलोमीटर लंबी ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा धाम पर समाप्त होगी। यात्रा का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है, जिसमें हजारों श्रद्धालु और साधु-संत शामिल हो रहे हैं।
Jhansi News : हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 160 किलोमीटर लंबी ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा का आयोजन कर रहे हैं। यह पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम, मध्य प्रदेश से शुरू हुई थी और 29 नवंबर को ओरछा धाम पहुंचकर समाप्त होगी। इस यात्रा में साधु-संतों के साथ रोजाना हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं, जो सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था को प्रदर्शित कर रहे हैं।
पदयात्रा का मार्ग और कार्यक्रम
हर दिन पदयात्रा 15-22 किलोमीटर की दूरी तय कर विभिन्न गांवों और कस्बों से होकर गुजर रही है। जब यात्रा किसी गांव में पहुंचती है, तो वहां के लोग भी इसमें शामिल होकर अगले गांव तक पदयात्रा का हिस्सा बनते हैं।
• पहला दिन: बागेश्वर धाम से कदारी (15 किमी), रात्रि विश्राम।
• दूसरा दिन: कदारी से पेप्टेक टाउन, छतरपुर (17 किमी)।
• तीसरा दिन: पेप्टेक टाउन से नौगांव (21 किमी), शांति कॉलेज में रात्रि विश्राम।
• चौथा दिन: नौगांव से देवरी रेस्ट हाउस (22 किमी)।
• पांचवां दिन (आज): देवरी से मऊरानीपुर (22 किमी), भदरवारा और ग्रामोदय के माध्यम से।
आगामी कार्यक्रम
• 26 नवंबर: मऊरानीपुर से घुघसी (17 किमी)।
• 27 नवंबर: घुघसी से निवाड़ी (17 किमी)।
• 28 नवंबर: निवाड़ी से ओरछा तिगैला (15.5 किमी)।
• 29 नवंबर: ओरछा तिगैला से ओरछा धाम, समापन।
मऊरानीपुर कस्बे में प्रवेश नहीं करेगी यात्रा
सुरक्षा कारणों से पदयात्रा को मऊरानीपुर कस्बे में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यात्रा खिलारा से खजुराहो-झांसी हाईवे पर चढ़कर बाइपास होते हुए ग्रामोदय पहुंचेगी। हालांकि, स्थानीय नेताओं ने इसे कस्बे के अंदर से ले जाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे हाईवे से होकर ले जाने का निर्णय लिया है।
श्रद्धालुओं का उत्साह और सुरक्षा इंतजाम
पदयात्रा में हर दिन साधु-संतों के साथ हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। पुलिस ने यात्रा के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है, जबकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
सनातन धर्म की एकता का संदेश
160 किलोमीटर लंबी यह यात्रा सनातन धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देने और हिंदू समाज को एकजुट करने का संदेश दे रही है। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि सनातन धर्म की परंपराओं और संस्कृतियों को संरक्षित करने का प्रयास है।