चिराग पासवान की डिग्री पर मचा बवाल : खुद को बताया था बीटेक धारी, अब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने किया बड़ा दावा

UPT | चिराग पासवान की डिग्री पर मचा बवाल

Aug 31, 2024 15:33

लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की बी-टेक डिग्री को लेकर झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर द्वारा किए गए दावे से हलचल मच गई है।

Short Highlights
  • चिराग पासवान की डिग्री पर मचा बवाल
  • प्रोफेसर के दावे से मचा हड़कंप
  • जानकारी छिपाने का लगा आरोप
Jhansi News : लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की बी-टेक डिग्री को लेकर झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर द्वारा किए गए दावे से हलचल मच गई है। प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने बताया कि चिराग पासवान ने 2005 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन वे केवल पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए थे। इसके बाद, व्यक्तिगत कारणों के चलते उन्होंने बाकी के आठ सेमेस्टर की परीक्षाओं में भाग नहीं लिया, जिससे उनकी डिग्री अधूरी रह गई है।

प्रोफेसर के दावे से मचा हड़कंप
प्रोफेसर शुक्ला के दावे के मुताबिक, चिराग पासवान का बी-टेक डिग्री का कोर्स बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ। उन्होंने केवल पहले सेमेस्टर की परीक्षा दी थी और इसके बाद उन्होंने अन्य सेमेस्टर की परीक्षाओं में भाग नहीं लिया। चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में खुद को कंप्यूटर साइंस में बी-टेक (सेकेंड सेमेस्टर) के रूप में प्रस्तुत किया था, जो प्रोफेसर शुक्ला के दावे से मेल नहीं खाता।

जानकारी छिपाने का लगा आरोप
चिराग पासवान की हाजीपुर लोकसभा सीट पर भी विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि उन्होंने अपने हलफनामे में गंभीर मामलों की जानकारी छिपाई है, जैसे कि रेप के आरोपों का खुलासा नहीं किया। इस आधार पर पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ अपील की गई है। शिकायतकर्ता राकेश सिंह, जो खुद को बीजेपी नेता बताते हैं, ने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम, और रिटर्निंग अफसर से इस मामले की जांच की मांग की है।

लोकसभा सदस्यता पर भी खतरा
चिराग पासवान के हलफनामे में उनकी पैतृक संपत्ति की जानकारी को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि चिराग ने खगड़िया के शहरबन्नी में अपनी संपत्ति की सही जानकारी नहीं दी और तथ्यों को छिपाया है। इस मामले की जांच की मांग चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारियों से की गई है। इन आरोपों के कारण चिराग पासवान की लोकसभा सदस्यता पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

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