Lalitpur News : फर्जी तरीके से पुलिस की नौकरी के मामले की जांच तेज

सोशल मीडिया | फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल

Nov 18, 2024 11:01

ललितपुर में पुलिस भर्ती में बड़ा घोटाला। एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृतक आश्रित कोटे से नौकरी हासिल की। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

Lalitpur News : पुलिस विभाग में फर्जी दस्तावेजों के जरिए मृतक आश्रित कोटे से नौकरी हासिल करने और भर्ती से जुड़े प्रपत्र गायब करने के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। कोतवाली सदर पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच शुरू कर दी है और 1991 में हुई भर्ती में धांधली के आरोपों की परतें खोलने का प्रयास कर रही है।

क्या है पूरा मामला?
एसपी कार्यालय झांसी में भर्ती लिपिक अरुण कुमार मौर्य की तहरीर पर मुख्य आरक्षी प्रमोद कुमार तिवारी और तत्कालीन भर्ती लिपिक व प्रधान लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रमोद पर आरोप है कि उसने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र और मृतक आश्रित कोटे का गलत इस्तेमाल कर नौकरी पाई, जबकि उसका बड़ा भाई पहले ही 1988 में इसी कोटे से पुलिस में नौकरी हासिल कर चुका था।
भर्ती के रजिस्टर और प्रपत्रों को नष्ट करने के आरोप तत्कालीन भर्ती लिपिक और प्रधान लिपिक पर लगे हैं। इसी फर्जीवाड़े के चलते प्रमोद कुमार तिवारी को प्रमोशन मिला और वह मुख्य आरक्षी बन गया। इस मामले के उजागर होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

छोटे भाई की पत्नी ने की थी शिकायत
इस फर्जीवाड़े की शिकायत प्रमोद कुमार तिवारी की पत्नी राधा देवी ने वर्ष 2023 में प्रयागराज के एडीजी से की थी। राधा ने प्रमोद के बड़े भाई अखिलेश तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद महोबा पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।

जांच में सामने आए तथ्य
महोबा पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि प्रमोद और उसके भाई ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर नौकरी पाई थी। तत्कालीन एएसपी गिरजेश कुमार की जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि मृतक आश्रित रजिस्टर और एचओबी रजिस्टर को जानबूझकर नष्ट कर दिया गया था।

पुलिस की कार्रवाई जारी
कोतवाली पुलिस अब इन आरोपों की गहनता से जांच कर रही है। विभाग की नजर अब तत्कालीन भर्ती लिपिक और प्रधान लिपिक की पहचान करने पर है। यह मामला पुलिस विभाग में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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