SGPGI : प्रीकॉन्सेप्शन क्लीनिक मातृत्व की राह में बाधाओं का कर रही समाधान, उम्मीद की कोख से गूंजी किलकारियां

UPT | SGPGI

Jan 11, 2025 12:29

क्लीनिक में जांच के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश महिलाओं को थायराइड ग्रंथि से संबंधित समस्याएं थीं। थायराइड का असंतुलन मां बनने में बड़ी बाधा बन सकता है। लगभग, एक चौथाई महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ा।

Lucknow News : शहर के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में प्रीकॉन्सेप्शन क्लीनिक के माध्यम से मातृत्व की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा रहा है। यह क्लीनिक उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है जो शादी के बाद गर्भधारण करने में असमर्थ थीं या बार-बार गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना कर रही थीं। इस क्लीनिक में आई महिलाओं में से 20 प्रतिशत को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पाई गईं। लेकिन, इलाज के बाद इनमें से 78 प्रतिशत महिलाओं ने सफलतापूर्वक गर्भधारण किया।

डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन से मिली प्रेरणा
प्रीकॉन्सेप्शन क्लीनिक की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2012 में जारी गाइडलाइंस के तहत की गई थी। एसजीपीजीआई के मैटेरनल एंड रीप्रोडक्टिव हेल्थ विभाग की प्रोफेसर और क्लीनिक की संचालक डॉ. मंदाकिनी प्रधान के अनुसार, जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 के बीच 920 महिलाओं ने इस क्लीनिक में परामर्श लिया। इनमें से 188 महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पाई गईं। लेकिन, विशेषज्ञों की मदद और सही इलाज से 147 महिलाएं मातृत्व का सुख पाने में सफल रहीं।



महिलाओं में थायराइड की समस्या सबसे आम
क्लीनिक में जांच के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश महिलाओं को थायराइड ग्रंथि से संबंधित समस्याएं थीं। थायराइड का असंतुलन मां बनने में बड़ी बाधा बन सकता है। लगभग, एक चौथाई महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ा। थायराइड के अलावा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप (बीपी) और कुछ दुर्लभ सिंड्रोम जैसी बीमारियां भी महिलाओं में पाई गईं। इन समस्याओं का समय पर पता चलने और इलाज के बाद महिलाओं की स्थिति में सुधार आया।

अनजानी बीमारियों का चला पता
इस क्लीनिक में पहुंचने वाली कई महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का पता ही नहीं था। यहां उनकी गहन जांच की गई, जिससे उनकी समस्याओं का सही समाधान हो सका। यह क्लीनिक न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर रही है, बल्कि उनकी मातृत्व की चाहत को भी पूरा करने में मददगार साबित हो रही है।

साप्ताहिक संचालन और बढ़ती संख्या, तीन साल में बड़ी उपलब्धि
प्रीकॉन्सेप्शन क्लीनिक का संचालन हर बुधवार को किया जाता है। डॉ. मंदाकिनी के अनुसार, ओपीडी में हर सप्ताह करीब 40 महिलाएं अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए पहुंच रही हैं। इस क्लीनिक का उद्देश्य न केवल महिलाओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना है, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत करना है। जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक के आंकड़े बताते हैं कि इस क्लीनिक ने 920 महिलाओं को उनकी समस्याओं का समाधान प्रदान किया। इन महिलाओं में से 188 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पाई गईं, और इनका सफल इलाज कर 78 प्रतिशत महिलाओं को गर्भधारण में सफलता दिलाई गई। यह आंकड़ा क्लीनिक की सफलता को दर्शाता है।

गर्भधारण से पहले जांच का महत्व
प्रीकॉन्सेप्शन क्लीनिक का उद्देश्य महिलाओं को गर्भधारण से पहले उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक करना और उनका इलाज करना है। इससे न केवल महिलाओं का स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि उनके शिशु का जन्म भी स्वस्थ होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भधारण से पहले स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करना मां और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक होता है।

Also Read