प्राइवेट लॉन बनाने के लिए काटे गए 1000 पेड़ : नोएडा अथॉरिटी की ओर से विकसित हरित क्षेत्र किया गया नष्ट, जानिए ऐसा किसने किया? 

UPT | निजी लॉन बनाने के लिए हरा भरा इलाका उजाड़ा।

Nov 19, 2024 19:35

नोएडा सेक्टर-105 में 50 बंगलों के निवासियों ने निजी लॉन बनाने के लिए हरे-भरे क्षेत्र को उजाड़ दिया। अवैध लॉन में रातभर पार्टियों से पर्यावरण को नुकसान और शांति भंग हो रही है। प्राधिकरण की लापरवाही पर पर्यावरणविदों ने कार्रवाई की मांग की।

Noida News : नोएडा के सेक्टर-105 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। लगभग 50 बंगलों के निवासियों ने निजी लॉन बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किए गए हरे-भरे क्षेत्र में 1000 पेड़ों को काट दिया। इन पेड़ों को वर्षों की देखभाल के बाद विकसित किया गया था। अब इनकी जगह दीवारें खड़ी कर अवैध निजी लॉन बना दिए गए हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है।



रात के जलसों का अड्डा बने अवैध लॉन
इन निजी लॉनों में देर रात तक पार्टियां होती हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आसपास के निवासियों की शांति और सुरक्षा भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय निवासी और पर्यावरणविद इस पर गंभीर चिंता जता रहे हैं।

प्राधिकरण की लापरवाही से बढ़ा मामला
नोएडा प्राधिकरण के बागवानी विभाग की घोर लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। स्थानीय निवासियों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने प्राधिकरण और जिला वन अधिकारी (DFO) को इस मुद्दे पर लिखित शिकायत दी है, लेकिन लापरवाही के चलते ऐसे मामलों को बढ़ावा मिल रहा है।

एफआईआर और पुनर्वास की मांग
विक्रांत तोंगड़ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाए, पेड़ों की दोबारा पौध लगाई जाए, और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उनका कहना है कि अगर इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में हरित पट्टी खत्म हो सकती है, जो पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी है।

हरित क्षेत्र का महत्व और आवश्यक कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि हरित क्षेत्र केवल सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण संतुलन और वायु शुद्धि के लिए अनिवार्य हैं। अगर इस प्रकार की घटनाओं को रोका नहीं गया, तो इसका गंभीर असर आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और शहर की पर्यावरणीय स्थिति पर पड़ेगा।

मीडिया और स्थानीय संगठनों की प्रतिक्रिया
नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष पंकज पराशर ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे पर्यावरण के साथ अन्याय करार दिया और प्राधिकरण व वन विभाग से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की। उनका कहना है कि ऐसे मामलों से नोएडा का हरित क्षेत्र खतरे में पड़ सकता है और शहरी जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होगी।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना पर्यावरण संरक्षण और समाज की जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में हरियाली का संरक्षण बेहद जरूरी है। प्राधिकरण और वन विभाग को इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों को दंडित करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

सेक्टर 105 का मामला 
नोएडा के सेक्टर-105 में हुई यह घटना शहर के पर्यावरण के लिए एक चेतावनी है। इसे सुधारने के लिए प्रशासन और समाज दोनों को एकजुट होकर ठोस कदम उठाने होंगे। हरे-भरे क्षेत्रों का संरक्षण केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि मानव जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। 

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