विकास खंड कोन की ग्राम पंचायत कचनरवा की सहकारी समिति से डीएपी गायब है और किसानों को खाली हाथ लौटाया जा रहा है। हालात ये हैं कि कई समितियों पर ताले लटके हैं। परेशान किसान निजी खाद विक्रेताओं से डीएपी खरीदने को मजबूर हैं।
Aug 22, 2024 18:46
विकास खंड कोन की ग्राम पंचायत कचनरवा की सहकारी समिति से डीएपी गायब है और किसानों को खाली हाथ लौटाया जा रहा है। हालात ये हैं कि कई समितियों पर ताले लटके हैं। परेशान किसान निजी खाद विक्रेताओं से डीएपी खरीदने को मजबूर हैं।
Sonbhadra News : खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की बुआई जोरों पर है। अधिकांश किसान बुआई कर चुके हैं। जिसके चलते डीएपी खाद की मांग बढ़ गई है। लेकिन जरूरत के समय विकास खंड कोन की ग्राम पंचायत कचनरवा की सहकारी समिति से डीएपी गायब है और किसानों को खाली हाथ वापस भेजा जा रहा है। हालात यह है कि कई समितियों पर ताले लटके हैं। परेशान किसान शासन-प्रशासन को कोस रहे हैं और निजी खाद विक्रेताओं से डीएपी खरीदने को मजबूर हैं।
प्राइवेट दुकानों से डीएपी और यूरिया खरीद रहे
किसान बिहारी प्रसाद यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत कचनरवा में एक मात्र सहकारी समिति है। इस समिति पर करीब 12 सौ किसान निर्भर हैं। इन दिनों सैकड़ों किसान अपनी खेती किसानी का काम छोड़कर सहकारी समिति का चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी लोगों को खाद नहीं मिल पा रही है। गरीब किसान प्राइवेट दुकानों से 1400 से 1450 रुपये डीएपी और 400 से 450 रुपये यूरिया खरीदने को मजबूर हैं, जो गरीब किसानों पर अतिरिक्त बोझ है। वहीं किसानों ने सचिव पर मनमानी का आरोप लगाया है। बताया कि कोई भी जिम्मेदार अधिकारी औचक निरीक्षण नहीं करता है। जिससे खाद बेचने वाले प्राइवेट दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं, जिससे समिति के आसपास के सैकड़ों किसान महंगाई की मार झेल रहे हैं।
आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध नहीं हो रही खाद
सहकारी समिति कचनरवा के अध्यक्ष संतोष जायसवाल ने बताया कि किसानों की आवश्यकता के अनुसार खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिसके कारण समस्या बनी हुई है, जैसे ही खाद उपलब्ध होगी तत्काल वितरण कराया जाएगा। किसान सतेंद्र, संजय, प्रदीप, राजेंद्र आदि ने जिलाधिकारी व संबंधित विभाग से तत्काल खाद की आपूर्ति व वितरण कराने की मांग की है।