Explainer : देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू होने से क्या बदलेगा? 3 बड़े एग्जाम रद्द तो क्या अब नहीं होंगे, जानिए सब कुछ

UPT | देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू होने से क्या बदलेगा?

Jun 22, 2024 19:18

केंद्र सरकार ने 21 जून की आधी रात को पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 का नॉटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसे देश में एंटी पेपर लीक कानून भी कहा जा रहा है।

Short Highlights
  • 3 बड़ी परीक्षाओं में धांधली के आरोप
  • एंटी पेपर लीक कानून का नॉटिफिकेशन जारी
  • 1 करोड़ तक के जुर्माने का है प्रावधान
New Delhi : केंद्र सरकार ने 21 जून की आधी रात को पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 का नॉटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसे देश में एंटी पेपर लीक कानून भी कहा जा रहा है। इसका कानून का उद्देश्य भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियां रोकना है। पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिससे पेपर लीक को रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन इस एंटी पेपर लीक कानून से आखिर क्या बदलेगा। क्या इसके बाद अब कोई भी पेपर लीक नहीं होगा। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब आज हम तलाशने की कोशिश करेंगे।

Q1. क्या है यह एंटी पेपर लीक कानून, जिसका नॉटिफिकेशन जारी हुआ है?
जवाब-
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट को फरवरी 2024 में संसद से पारित किया गया था। इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मंजूरी मिल चुकी है। कानून में पेपर लीक के दोषियों को तीन से दस साल की सजा और 10 लाख से एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है।

Q2. इन कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षाएं आएंगी?
जवाब-
सरकार द्वारा जारी 8 पन्ने के नॉटिफिकेशन में ये साफ तौर पर लिखा हुआ है कि केंद्र सरकार द्वारा कराई जाने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में यह कानून लागू होगा। इसके मुताबिक, संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC, स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC, रेलवे की परीक्षा, बैकिंग के पेपर यानी IBPS, केंद्र सरकार के अधीन आने वाले मंत्रालयों और विभागों की भर्ती, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं के साथ-साथ केंद्र की अन्य सभी परीक्षाओं पर यह कानून लागू होगा।

Q3. कानून के तहत क्या-क्या अपराध?
जवाब-
इस एंटी पेपर लीक कानून के तहत निम्न कृत्य अपराध की श्रेणी में रखे गए हैं:
1. किसी परीक्षा का क्वेश्चन पेपर या उत्तर कुंजी (Answer Key) लीक करना
2. प्रश्न पत्र या आंसर-की लीक करने में किसी के साथ शामिल होना
3. बिना परमिशन क्वेश्चन पेपर या OMR शीट अपने पास रखना
4. अनधिकृत संचार के माध्यम से परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की सहायता करना
5. कंप्यूटर नेटवर्क या अन्य उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना
6. प्रॉक्सी उम्मीदवार बैठाना यानी ​किसी सॉल्वर को कैंडिडेट की जगह परीक्षा दिलवाना
7. फर्जी एडमिट कार्ड जारी करना
8. फर्जी परीक्षा आयोजित कराना
9. परीक्षा सूची या रैंक को लेकर नकली दस्तावेज जारी करना
10. योग्यता दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना
11. कॉपियों के मूल्यांकन में बिना परमिशन छेड़छेाड़ करना
12. परीक्षार्थी की सीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना
13. किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम में बाधा पैदा करना
14. पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लघंन करना
15. अधिनियम में परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को समय से पहले सार्वजनिक करना

Q4. एंटी पेपर लीक कानून के तहत कितनी सजा हो सकती है?
जवाब-
कानून के मुताबिक, परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की कैद और ₹10 लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है। सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए पर ₹1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जाएगा। संगठित अपराध की स्थिति में 5 से 10 साल की कैद और कम से कम ₹1 करोड़ का जुर्माना देना होगा। अनधिकृत संचार के माध्यम से परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की सहायता करना, कंप्यूटर नेटवर्क या अन्य उपकरणों के साथ छेड़छाड़ के अलावा अगर सर्विस प्रोवाइडर किसी भी अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी।

Q5. आखिर क्यों पड़ी इस कानून की जरूरत?
जवाब-
दरअसल हमारे देश में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कठोर कानून नहीं थे। आए दिन हो रही पेपर लीक के मामलों के कारण सरकार पर यह दबाव बन रहा था कि वह पेपर लीक को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए। ऐसे में ब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट इसी साल फरवरी में संसद से पास हो गया। लेकिन इसका नॉटिफिकेशन जारी नहीं हुआ था। उधर नीट की परीक्षाओं में धांधली के आरोप लग रहे थे। इसलिए आनन-फानन में सरकार ने आधी रात को नॉटिफिकेशन जारी कर कानून लागू कर दिया।

Q6. बीते दिनों कौन-कौन से एग्जाम में धांधली की बात आई?
जवाब-
बीते कुछ दिनों में तीन बड़ी परीक्षाओं को लेकर धांधली की बात सामने आ रही है, जिसके चलते या तो परीक्षा रद्द कर दी गई है या फिर रद्द करने की मांग हो रही है। इसमें सबसे पहली परीक्षा को मेडिकल एंट्रेस के लिए होने वाली नीट की है। इसमें ग्रेस मार्क मिले छात्रों के इम्तिहान दोबारा कराए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। लेकिन तमाम जगहों से पेपर लीक के प्रमाण मिलने के बावजूद परीक्षा रद्द करने या काउंसिलिंग रोकने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। वहीं NTA ने UGC-NET की परीक्षा गड़बड़ियों की आशंका के बाद 19 जून को कैंसिल कर दी। 18 जून को यह एग्जाम दो शिफ्ट में देशभर में आयोजित हुआ था। वहीं 25 से 27 जून के बीच आयोजित होने वाली CSIR-UGC-NET की परीक्षा स्थगित कर दी गई है।

Q7. क्या अब नहीं होंगे पेपर लीक? 
जवाब-
कानून बन जाने का मतलब ये कतई नहीं है कि अब पेपर लीक नहीं होंगे या परीक्षाओं में धांधली नहीं होगी। लेकिन इस बात की संभावना जरूर है कि कड़े कानूनों की वजह से कोई ऐसा करने से पहले सौ बार सोचेगा। हालांकि ये भी जरूरी है कि किसी पेपर लीक में अपराधियों पर नए कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाए, अन्यथा कानून का भय खत्म हो जाएगा और ये घटनाएं आम हो जाएंगी।

Q8. नीट के दलालों पर भी नए कानून के तहत होगी कार्रवाई?
जवाब-
इसका सीधा जवाब है- नहीं। दरअसल नीट परीक्षा का मामला कानून का नॉटिफिकेशन जारी होने से पहले का है। ऐसे में नीट या फिर यूजीसी नेट की परीक्षा में धांधली करने वाले दलालों पर ये कानून लागू नहीं होगा। हालांकि भविष्य में होने वाली केंद्र सरकार की सभी परीक्षाओं पर लागू होगा। आपको बता दें कि नीट की परीक्षा में पेपर लीक के तार बिहार और झारखंड से जुड़ रहे हैं।

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