कृषि विश्वविद्यालय के छात्र ने ली खुद की जान : पिता का दावा- जातीय भेदभाव के कारण गई बेटे की जान, आरोपी शिक्षक पर कसा शिकंजा

पिता का दावा- जातीय भेदभाव के कारण गई बेटे की जान, आरोपी शिक्षक पर कसा शिकंजा
UPT | मृतक यशपाल, कृषि विश्वविद्यालय

May 16, 2024 18:12

यशपाल विश्वविद्यालय में एग्रोनॉमी यानी 'कृषि के क्षेत्र में फसल मैनेजमेंट' में शोध की पढ़ाई कर रहा था। यशपाल पढ़ने में बहुत होनहार था। जिस कारण परिवार वाले अपनी जमीन बेचकर उनको पढ़ने के लिए भेजा था।

May 16, 2024 18:12

Short Highlights
  • यशपाल को सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए दिल्ली भेजने की तैयारी परिवारवालों ने की थी।
  • दूषित मानसिकता के कारण शिक्षक ने सभी के अरमानों पर पानी फेर दिया : मृतक के पिता
Ayodhya News : अयोध्या से एक बहुत ही मार्मिक घटना सामने आई है। अयोध्या के आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे एक छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बरेली के मानपुर के भगवतीपुर का रहने वाला यशपाल नामक छात्र इस विश्वविद्यालय में रिसर्च का छात्र था। लेकिन भेदभाव से परेशान होकर छात्र ने मौत को चुन लिया। मृतक पिता का आरोप है कि जात-पात की भेदभाव के कारण उसने यह कदम उठाया।

यशपाल विश्वविद्यालय में एग्रोनॉमी यानी 'कृषि के क्षेत्र में फसल मैनेजमेंट' में शोध की पढ़ाई कर रहा था। यशपाल पढ़ने में बहुत होनहार था। जिस कारण परिवार वाले अपनी जमीन बेचकर उनको पढ़ने के लिए भेजा था। लेकिन जैसे ही शव यशपाल के गांव पहुंचा पूरे परिवार में मातम छा गया। यशपाल के होनहार होने के कारण पूरे परिवार को यशपाल से बहुत उम्मीदें थीं। स्कूल में कई तरह के पुरस्कार भी यशपाल को मिल चुका था। यशपाल को सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए दिल्ली भेजने की तैयारी परिवारवालों ने की थी।

शिक्षक पर जातीय भेदभाव करने का आरोप 
यशपाल के पिता ने कहा कि जात-पात की दूषित मानसिकता के कारण उसकी जान गई है। दूषित मानसिकता के कारण शिक्षक ने सभी के अरमानों पर पानी फेर दिया। इसी कारण उसे आए दिन प्रताड़ित किया जा रहा था। वह धान, गेहूं के ट्रायल की मांग कर रहा था, लेकिन जान-बूझकर उसे दूसरे विषय का ट्रायल दिया गया। साथ ही यशपाल के भाई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. विशुद्धानंद जातीय भावना से ग्रसित थे।  जिस कारण उनके भाई यशपाल सिंह की तीन बार थीसिस खारिज कर दी गई थी। इसके साथ ही उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता था।  20 दिन पहले उसके ताऊ का निधन होने पर घर जाने की छुट्टी तक नहीं दी थी। इसके अलावा यशपाल की डिग्री रोकने की धमकी भी देते थे। यशपाल ने अपनी रिसर्च से संबंधित तमाम डाटा इकट्ठा किया था। लेकिन प्रजेंटेशन से एक दिन पहले यानी 12 मई को शिक्षक ने उसे भी खारिज कर दिया। जिस शिक्षक ने  खारिज किया वही शिक्षक उसके गाइड भी थे। उसके साथ हो रहे भेदभाव की जानकारी यशपाल ने कई बार भाई को भी दी थी। 

शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज 
 इस मामले में पुलिस ने शिक्षक डॉ. विशुद्धानंद के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही गिरफ्तारी के लिए टीम भी बनाई गई है। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति ने 10 सदस्यीय कमेटी भी बनाई है। जो छात्र यशपाल सिंह के आत्महत्या के मामले की जांच करेगा। प्रारंभिक जांच में शिक्षक का दोषी पाएं जाने पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।  इस मामले को लेकर छात्रों में भारी आक्रोश है। छात्र ने कुलपति पर जूते-चप्पल फेंकने का भी प्रयास किया।

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