बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार : अखाड़ा परिषद का सख्त अल्टीमेटम, संतों की फौज के साथ कूच की तैयारी

अखाड़ा परिषद का सख्त अल्टीमेटम, संतों की फौज के साथ कूच की तैयारी
UPT | अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद रवींद्र पुरी

Dec 06, 2024 16:10

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। परिषद ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर त्वरित कार्रवाई...

Dec 06, 2024 16:10

Ayodhya News : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदू समुदाय पर हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ भारत में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं। इस बीच, साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। परिषद ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा परिषद ने यह अल्टीमेटम भी दिया है कि अगर बांग्लादेश के हालात नहीं सुधरे और संत चिन्मय दास को जल्द रिहा नहीं किया गया तो महाकुंभ में आने वाले नागा साधुओं की फौज के साथ बांग्लादेश कूच करने पर विवश होंगे।


अखाड़ा परिषद की बैठक और केंद्रीय सरकार से अल्टीमेटम
अखाड़ा परिषद ने ऐलान किया है कि वह अगले सप्ताह प्रयागराज महाकुंभ में एक बड़ी बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक में परिषद के सदस्य, अनेक संत महात्मा और अखाड़ों के पदाधिकारी शामिल होंगे। जिसमें बांग्लादेश के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की जाएगी। बैठक में केंद्र सरकार को कुछ दिन का वक्त दिया जाएगा और अगर तब तक बांग्लादेश में स्थितियों में सुधार नहीं हुआ तो परिषद केंद्र से बांग्लादेश जाने की अनुमति मांगेगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि नागा साधुओं का इतिहास शस्त्र और शास्त्र दोनों में पारंगत होने का है। उन्होंने कहा, "नागा साधुओं ने हमेशा सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। हम बांग्लादेश के हालात पर चुप नहीं रह सकते। वहां हिंदू संतों और आम जनता को निशाना बनाया जा रहा है, और इस पर पूरी दुनिया को ध्यान देना चाहिए।"

हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के बारे में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और कई देशों के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन घटनाओं पर ध्यान देने की बजाय दूसरे मामलों में मानवाधिकारों की दुहाई दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अखाड़ा परिषद सोमवार को प्रयागराज में बैठक करेगा। जिसमें बांग्लादेश के हालात पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

शस्त्रधारी साधु संतों ने जताई चिंता
आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी जी महाराज और अमृतानंदमयी मां जैसे प्रमुख संतों ने भी बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को लेकर अपनी चिंता जताई। उनका कहना है कि आज़ादी के बाद से नागा साधुओं ने शस्त्रों का प्रयोग कम कर दिया है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वे हिंदू समुदाय के हितों की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने में सक्षम हैं। आचार्य गिरी जी महाराज ने कहा, "हम चुप नहीं बैठेंगे, अगर स्थिति और बिगड़ी तो हम बांग्लादेश में जाकर हिंदू समाज की रक्षा करेंगे और उन्हें सुरक्षित भारत लाने का काम करेंगे।"

केंद्र सरकार पर दबाव
अखाड़ा परिषद ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर तत्काल कड़ा कदम उठाया जाए। महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि सरकार को बांग्लादेश की सरकार से इस मामले में कड़ा संवाद करना चाहिए और हिंदू समुदाय की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इस मुद्दे पर अखाड़ा परिषद की रणनीति आगामी बैठक में तय होगी और इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि कब और कैसे नागा साधुओं का एक बड़ा जत्था बांग्लादेश की ओर कूच करेगा।

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