मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दीपोत्सव 2024 के कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए अयोध्या में भाजपा के प्रत्याशी की पराजय का दर्द साझा किया। उन्होंने भावुक होकर कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने अयोध्या के लिए जो भी वादे किए...
अयोध्या दीपोत्सव 2024 : 'बार-बार नहीं होनी चाहिए मां सीता की अग्निपरीक्षा', भारी गले से बहुत कुछ कह गये सीएम योगी
Oct 30, 2024 20:29
Oct 30, 2024 20:29
- सीएम योगी ने अयोध्यावासियों से की अपील
- सीएम ने दीपोत्सव को सनातन धर्म का विश्वास बताया
- काशी और मथुरा में भी अयोध्या जैसी व्यवस्था होनी चाहिए : सीएम योगी
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कोरोना में किया मंदिर का शिलान्यास
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के पहले संस्करण को याद करते हुए बताया कि उस समय रामकथा मंडप छोटा था और एक ही नारा गूंजता था, "योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो।" उन्होंने कहा कि तब उन्होंने विश्वास दिलाया था कि जो दीप जलाए जाएंगे, वे केवल दीप नहीं, बल्कि सनातन धर्म का विश्वास हैं और प्रभु राम की कृपा अवश्य बरसेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 5 अगस्त 2020 को, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, पीएम मोदी ने अयोध्या आकर श्रीराम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम अपनी हाथों से संपन्न किया, जिससे हमें अपनी विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर मिला।
पूज्य संतों को नमन किया
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अनुपम, अलौकिक और अद्वितीय है। उन्होंने 22 जनवरी 2024 को भगवान राम के जन्मभूमि पर विराजित होने का जिक्र करते हुए बताया कि यह 500 साल का इंतजार समाप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम ने यह संदेश दिया है कि कभी अपने पथ से विचलित नहीं होना चाहिए, बल्कि संघर्ष के मार्ग को अपनाना चाहिए, क्योंकि सफलता अवश्य प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन सभी आत्माओं को याद करने की बात कही, जिन्होंने अपने जीवन को रामजन्म भूमि आंदोलन और प्रभु राम की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित किया। उन्होंने उन पूज्य संतों को नमन किया, जिनका योगदान इस संघर्ष में महत्वपूर्ण रहा।
दीपोत्सव भगवान राम के विराजमान होने के बाद का पहला अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह समय उन सभी हुतात्माओं को स्मरण करने का है, जिन्होंने साढ़े तीन लाख की संख्या में शहादत दी, ताकि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो सके। उन्होंने बताया कि उनका संकल्प अब पूरा हो चुका है और रामलला अयोध्या में फिर से विराजमान हो चुके हैं। यह दीपोत्सव उनके विराजमान होने के बाद का पहला अवसर है। सीएम योगी ने कहा कि पहले हम केवल बातें करते थे, लेकिन अब हमने जो कहा, उसे कर के दिखाया है। उन्होंने 2017 से पहले की अयोध्या की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय यहां बिजली की कमी थी और सड़कों, घाटों और मंदिरों की हालत भी खराब थी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने भगवान को उपेक्षित कर दिया था और उनके अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया था, जिससे सनातन धर्म और हमारी विरासत को खतरा था।
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दीपोत्सव का यह आठवां संस्करण अत्यंत आह्लादित करने वाला क्षण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को जब देशभर से श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन कर रहे थे, तो कुछ श्रद्धालु पिलर को पकड़कर रो रहे थे, जबकि कुछ जमीन पर दंडवत कर रहे थे। उन्होंने उस दृश्य को याद करते हुए बताया कि उन्होंने उन लोगों के काले कारनामों को भी देखा, जिन्होंने अयोध्या और सरयू मइया को लहुलुहान किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अब अयोध्या को फिर से साबित करने का समय है और मां सीता की अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए; हमें इस अभिशाप से बाहर निकलना होगा। अयोध्या को भव्य और दिव्य रूप देने के लिए अयोध्यावासियों को फिर से आगे आना होगा। सीएम योगी ने कहा कि दीपोत्सव का यह आठवां संस्करण अत्यंत आह्लादित करने वाला क्षण है, जो हमें एक नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है।
'31 हजार करोड़ की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या अंतिम चरण में'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने इसी मंच से वादा किया था कि अयोध्या को दुनिया की सबसे सुंदर नगरी बनाएंगे। आज यहां 31 हजार करोड़ की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या, सनातन धर्म और हमारी विरासत के लिए एक नई शुरुआत है, और आज काशी और अयोध्या दोनों चमक रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या का बदला हुआ स्वरूप दुनिया को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पहले लोग बिजली की कमी से तड़पते थे और राम की पैड़ी में सड़े हुए पानी में स्नान के लिए मजबूर होते थे। अब हमने राम की पैड़ी में सरयू जल को प्रवाहमान बनाया है और अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हजारों साल पहले भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे, और उसके बाद से यहां विमान नहीं उतर पाया था। लेकिन मोदी जी की कृपा से अब अयोध्या में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है।
विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने काम नहीं किया, उन्होंने पहले राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए, फिर रामभक्तों पर गोली चलाई और बाद में विकास कार्यों में रोड़ा बने। उन्होंने कहा कि जब फोर लेन सड़क बनवाई गई, तो उन्होंने कहा कि हम व्यापारियों का शोषण कर रहे हैं। अगर फोर लेन सड़क नहीं बनती, तो क्या लाखों श्रद्धालु यहां आकर दर्शन कर पाते? सीएम योगी ने ऐसे लोगों को विकास का बैरियर बताते हुए कहा कि हम इन बैरियर्स को हटा रहे हैं, जैसे उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त कर सुरक्षित प्रदेश बनाया गया है। उन्होंने विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा कि अयोध्या के विकास में किसी भी प्रकार की रुकावट को सहन नहीं किया जाएगा।
'सनातन ने कभी किसी का अहित नहीं किया'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म पर सवाल उठाते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि सनातन ने कभी किसी का अहित नहीं किया। उन्होंने सबको गले से लगाया और विश्व में किसी भी मत-संप्रदाय को विपत्तियों के समय फलने-फूलने का अवसर दिया। आज की विश्व मानवता भी इसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है। सीएम योगी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग सेक्युलरिज्म के नाम पर राजनीति करते हुए सनातन धर्म पर कुठाराघात कर रहे हैं और नक्सलवाद व आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम भगवान के 14 वर्षों के वनवास और बजरंगबली के महत्व को भुला दें, तो इसका कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो भी मानवता और विकास के मार्ग में रोड़ा बनेगा, उसका भी वही हाल होगा जो यूपी में माफिया का हुआ है। उन्होंने कहा कि हम रामकाज को पूरा किए बिना विश्राम नहीं लेने वाले और जब तक हम सनातन धर्म के रोड़ों को समाप्त नहीं करते, हमें विश्राम नहीं करना है।
'22 जनवरी को पूरी दुनिया में सनातनधर्मी नतमस्तक थे'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया में सनातनधर्मी इस बात को लेकर नतमस्तक थे कि भारत ने लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराया। उन्होंने अयोध्या को न्यायपालिका के फैसले को जमीन पर मजबूती से लागू करने का अप्रतिम उदाहरण बताया। सीएम योगी ने यह भी कहा कि प्रभु श्रीराम का कहना है कि अवधपुरी के समान उन्हें कुछ भी प्रिय नहीं है, क्योंकि यह उनकी जन्मभूमि है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो लोग भगवान के अस्तित्व पर प्रश्न उठाते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वे केवल राम या सनातन पर ही नहीं, बल्कि हमारे धर्म और पूर्वजों पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। इसके बावजूद, हम मौन बने रहे।
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ये सभी रहे मौजूद
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय गजेन्द्र सिंह शेखावत, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जयवीर सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, और एमएलसी हरिओम पांडेय के अलावा कई अन्य प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे। इसके साथ ही, जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, विश्वेश प्रपन्नाजी महाराजा, रामदिनेशाचार्य जी महाराज, मणिरामदास छावनी के महंत कमलनयनदास, अवधेशदास, राजकुमार दास, देवेन्द्रप्रसादाचार्य, भरतदास, धर्मदास, महंत संतोष दास, रामदास जी महाराज सहित अयोध्या के पूज्य संतगण और अधिकारीगण भी समारोह में शामिल हुए।
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