अयोध्या फिल्म फेस्टिवल : हॉलीवुड के सितारों ने अवध में बांधा समा, 368 फिल्मों में से चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन

हॉलीवुड के सितारों ने अवध में बांधा समा, 368 फिल्मों में से चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन
UPT | हॉलीवुड के सितारों ने अवध में बांधा समा।

Dec 09, 2024 00:24

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के 18 वें संस्करण में रविवार को कलाकारों ने अवध की शाम में मानो चार चांद लगाए तो दर्शकों ने भी फिल्म के पीछे की मेहनत को करीब से समझा....

Dec 09, 2024 00:24

Short Highlights
  • फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड के कलाकार और निर्देशकों ने तलाशी अयोध्या में संभावनाएं
  • दूसरे दिन दर्शकों ने देश दुनिया की फिल्म के पीछे की मेहनत को करीब से समझा

Ayodhya News : अयोध्या विश्व फलक पर अपनी विशेष पहचान बना चुका है। इसका ज्वलंत उदाहरण है। देश दुनिया के फिल्मी जगत के सितारों का अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के 18 वें संस्करण में जमावड़ा आयोजन के दूसरे दिन रविवार को कलाकारों ने अवध की शाम में मानो चार चांद लगाए तो दर्शकों ने भी फिल्म के पीछे की मेहनत को करीब से समझा। वहीं फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन गुरुनानक अकादमी इंटर कालेज सभागार में तीन सत्र के आयोजन में दर्शकों ने देश दुनिया से आए कलाकार और निर्देशकों से साक्षात्कार किया और फिल्मों के पीछे की दुनिया से भी अवगत हुए। प्रथम सत्र में वर्कशॉप के दौरान फिल्म मेकिंग सत्र में फिल्मों के बेसिक्स, निर्माण आदि के बारे में विशेषज्ञों ने मंच से दर्शकों को अवगत कराया।

अभिनेता उवे श्वार्जवेल्डर ने विदेश में फिल्म निर्माण की बारीकियों को सिखाया
स्विटजरलैंड के फिल्म निर्माता निर्देशक और अभिनेता उवे श्वार्जवेल्डर ने विदेश में फिल्म निर्माण की बारीकियों को सिखाया। पेरिस के निर्देशक जेरेमी ब्रुनेल और इटली के आंद्रिया फोर्टिस और डॉ. मोहन दास ने भी फिल्म निर्माण और चुनौतियों और तकनीकी पक्ष पर सत्र के दौरान चर्चा की। दूसरे सत्र में पुस्तक परिचर्चा रही जिसमें सूर्य प्रताप राय रेपल्ली की काव्य संग्रह ’झील सी आंखों में’ का विमोचन हुआ तो वहीं अभिषेक शर्मा की कहानी संग्रह ’इश्क के अस्सी घाट’ पर काशी की कहानियों ने चर्चा बटोरी। इस सत्र में लेखकों से संवाद के जरिए साहित्य और सिनेमा के संबंधों की रूपरेखा को स्पष्ट किया गया। वहीं कबीर मंडली ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।

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तीसरे सत्र में फिल्मों का सिलसिलेवार प्रदर्शन
इस दौरान 368 फिल्मों में से चुनिंदा फिल्में प्रदर्शित की गईं। बेटर टुमारो, माई नेशनल फ्लैग, द स्प्रिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड, थर्सडे स्पेशल, मझधार, ब्रॉन्जड, एमेच्योर, खड्डा, द लाइम ग्रीन शर्ट, बाहुबली : क्राउन ऑफ ब्लड, लोटस, डिलीवरी ब्वॉय आदि फिल्मों का प्रदर्शन और निर्माता निर्देशकों ने अपनी बात रखी। तीसरे दिन सुबह दस बजे से काया : द मिशन ऑफ लाइफ, फ्रेंड बुक, श्री मुंबई ना समाचार : 200 नॉट आउट, बयाकेगालू बेरूरीडागा, अमर आज मरेगा, मैया, अमेंटेलियो, कोर्डोवेरो 22 एमएनडी : माइंड नेवर डाइज, इनसाइड फोरबिडेन वॉल्स–एंपरर डाओगुआंग, डेट नाइट आदि फिल्मों का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही फिल्मों के लिए अवार्ड सेरेमनी के आयोजन के साथ अगले साल फिर फिल्मों का मेला सजाने के वादे के साथ विराम पाएगा।

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*बांग्लादेश के हालात से विदेशी फिल्मकार चिंतित*
उवे श्वार्जवेल्डर का कहना था कि अयोध्या के बाद जयपुर होते हुए ढाका जाने का प्रोग्राम था मगर वहां के हालात से चिंतित हैं। वहां जाकर फिल्मों की संभावनाओं पर काम करना था मगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो दौरा रद करने पर भी विचार कर रहे हैं।

*वेब सीरीज से जुड़े संजीव वीरमानी बोले अयोध्या में बहुत सी संभावनाएं*

टीवी सीरीज डिस्कवरी ऑफ इंडिया, इंतजार, फिल्म स्कैंडल के बाद कई नई वेब सीरीज से जुड़े संजीव वीरमानी ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल के मंच पर आना काफी सुखद रहा है। 18 साल पुराने आयोजन के माध्यम से सीधे दर्शकों से जुड़ाव एक बेहतर मंच देता है। सरकारी सहयोग मिले तो आयोजन का फलक और भी बड़ा हो सकता है। साधन सरकारी हो जाए तो उपलब्धि बड़ी हो सकती है। अयोध्या अपने आप में बड़ा शहर है। यह ऐसा इवेंट होगा कि दर्शक पर्यटक सब इसे अटेंड करे। शहर के लिए चार चांद लगाने वाली बात होगी। अयोध्या में संभावनाएं और फ्लेवर दोनो हैं। बडी बात है कि यहां प्रदूषण नहीं है। लोगों में मिठास है। बाहर के लोगों को अपनाते हैं।

*कोरोना काल की भी दुश्वारियों से गुजरा सिनेमा*

’ए लाइफ इन टेंडम’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म देव मुखर्जी की है। फिल्म  पंजाब से लेकर विदेशों तक के कोरोना काल के दौरान के हालातों में कैंसर जैसे विषयों को लेकर पड़ताल करती है। लंदन से बीजिंग तक साइकिल से कैंसर अवेयरनेस पर बनी फिल्म भी प्रदर्शित हुई। कोरोना के समय फिल्म बनाने के दौरान अपने विदेशी मित्र लंदन के ग्रेन फिलशॉप के साथ होने और जगह जगह कोरोना जांच की दुशारियों से भी वह गुजरे थे। अमृतसर से वाराणसी तक साइकिल यात्रा और चीन से जर्मनी की शूटिंग के बाद फिल्म बेहतर बनी और दर्शकों के समक्ष इस मंच से साझा हुई।

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