कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राज्यपाल : आनंदीबेन पटेल ने कहा- आत्मनिर्भर बनें और दूसरों को दें रोजगार

आनंदीबेन पटेल ने कहा- आत्मनिर्भर बनें और दूसरों को दें रोजगार
UPT | राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

Sep 19, 2024 20:56

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में कहा कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के चलते विश्वविद्यालय ने नैक में उच्च ग्रेड A++ प्राप्त किया...

Sep 19, 2024 20:56

Ayodhya News : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में कहा कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के चलते विश्वविद्यालय ने नैक में उच्च ग्रेड A++ प्राप्त किया है। इस उपलब्धि ने न केवल विश्वविद्यालय बल्कि उत्तर प्रदेश को भी देशभर में एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सभी की है और इसके लिए विश्वविद्यालय परिवार को सक्रिय रूप से योगदान देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों का लाभ गरीब, पिछड़े वर्ग और किसानों तक पहुंचना आवश्यक है।

बेटियों के शिक्षण कार्यों की प्रशंसा
उन्होंने आगे कहा कि 2047 के बाद कृषि विश्वविद्यालय का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। कुलाधिपति ने बेटियों के शिक्षण कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों से बेटियां बेटों से आगे निकल रहीं हैं। भोजन और पानी का हम सभी को सम्मान करना होगा। भोजन बर्बाद नहीं करना है, इसका आज से ही हम सभी को संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या खेती में सबसे बड़ा बाधक है। जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए उन्नत  किस्म की प्रजातियों को विकसित करने की आवश्यकता है। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है।


कृषि पद्धतियों को विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारे किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि जीवनदाता भी हैं। सरकार नवीन कृषि पद्धतियों को विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि कम पानी में अधिक फसलें उगाई जा सकें। इसके लिए विश्वविद्यालय को अनुसंधान करना आवश्यक है, जिससे किसानों की आय बढ़ सके। उन्होंने बताया कि देश में 25 प्रतिशत तेल का आयात किया जा रहा है, इसलिए किसानों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। कुलाधिपति ने प्रधानमंत्री द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए 2024-25 में 1.52 करोड़ रुपये के बजट का उल्लेख किया, जिससे देश कृषि में आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने यह भी बताया कि दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है और एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

कुलाधिपति ने युवा छात्रों को किया प्रोत्साहित
उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ना आवश्यक है। कुलाधिपति ने युवा छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें नौकरी की तलाश में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहिए। इससे वे न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने का अवसर प्रदान कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय छह आकांक्षी जिलों को गोद लेकर विकास कार्य कर रहा है, जिसके लिए जिले के अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में ये सभी रहे मौजूद
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान, जल भरकर पर्यावरण संरक्षण के संदेश और कुलगीत से की गई। कुलपति ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मंच का संचालन डॉ. सीताराम मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रबंधन परिषद के सदस्य, जिलाधिकारी अंबेडकर नगर, विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष और पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

नैक की सफलता से कृषि विवि को देश में मिली नई पहचान
कृषि वित्त निगम इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल के अध्यक्ष और परभणी, महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति डा. सी. डी. माई ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और पहली बार नैक में उच्च ग्रेड प्राप्त करना इसकी निरंतर सुधार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है जिसने यह सफलता हासिल की है।

केंद्र व राज्य सरकार किसानों की हितैषी : बलदेव सिंह औलख
दीक्षांत समारोह में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि उत्तर प्रदेश गेहूं का 33 प्रतिशत और चावल का 11 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है और सब्जियों की खेती में राज्य का पहला स्थान है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं। केंद्र और प्रदेश की सरकारें विभिन्न योजनाएं चला रही हैं, जिनका लाभ किसानों को उठाना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि डबल इंजन की सरकार हमेशा किसानों के हित में खड़ी है।

कृषि विवि के लिए उपलब्धियों से भरा रहा पूरा वर्ष
विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में कुलपति ने अपने प्रतिवेदन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने नैक में A++ ग्रेड हासिल किया, जो सभी की मेहनत का परिणाम है। कुलाधिपति के नेतृत्व में आठ बार समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं, जिनके माध्यम से यह सफलता प्राप्त हुई। पिछले सत्र में विश्वविद्यालय ने श्रीलंका, वियतनाम, जिम्बाब्वे और नेपाल के छात्रों को प्रवेश दिया, और इस सत्र में घाना, मिस्र, लिसोथो, केन्या और नेपाल के छात्र भी प्रवेश लेने जा रहे हैं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सभी उपाधि प्राप्त छात्रों की डिग्रियां डिजिलॉकर में समाविष्ट की गई हैं।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने धान की दो उन्नत किस्में, काला नमक प्रजाति काला नमक-1 और पूसा नरेंद्र सीआरडी, विकसित की हैं। पिछले चार वर्षों में एक पेटेंट प्राप्त हुआ है और एक अन्य प्रकाशित किया गया है। विश्वविद्यालय ने एक रेडियो केंद्र स्थापित किया है, जिससे वैज्ञानिक किसानों को जागरूक कर रहे हैं। 10 एकड़ बंजर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर उसे खेती के योग्य बनाया गया है। राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में विश्वविद्यालय ने कुल 19 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर अपना नाम दर्ज कराया है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने क्लीन एंड ग्रीन कैंपस जैसी कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं।

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