बीमारी ठीक करने के बहाने धर्म परिवर्तन कराने का एक बड़ा रैकेट उजागर हुआ है। झाड़-फूंक और प्रार्थना सभाओं के जरिए कैंसर के इलाज की आड़ में इसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का एक वीडियो भी वायरल हुआ है।
झाड़ फूंक के बहाने चल रहा था धर्म परिवर्तन का खेल : चार लोग गिरफ्तार, ईसाई मिशनरियों का वीडियो भी वायरल
Oct 16, 2024 19:00
Oct 16, 2024 19:00
नरोत्तामऊ घाट में चल रहा था धर्म परिवर्तन का खेल
घटना बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र के नरोत्तामऊ घाट मजरे असौरी गांव की है। यहां के निवासी राजेंद्र प्रसाद के घर में करीब तीन दर्जन से अधिक महिलाएं, बच्चे और पुरुष इकट्ठा हुए थे। बताया गया कि ये लोग यहां झाड़-फूंक और प्रार्थना सभा के जरिए कैंसर के इलाज की जानकारी लेने आए थे। हालांकि, मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने देखा कि वहां इसाई धर्म से जुड़े लोग प्रभु यीशु की महिमा का गुणगान कर रहे थे और लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे।
विश्व हिंदू महासंघ ने दी पुलिस को सूचना
घटना की जानकारी मिलने के बाद, विश्व हिंदू महासंघ के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने कोठी पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। पुलिस ने इस दौरान वहां से चार लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में सफदरगंज थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव के श्यामू, मैहर कश्यप, मेघरानी, नेपालगंज थाना जैदपुर के बादल गौतम और कोठी थाना क्षेत्र के नरोत्तामऊ घाट के निवासी राजेंद्र कुमार शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि वे प्रार्थना सभा के जरिए लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
पुलिस ने की धार्मिक पुस्तकों की बरामदगी
पुलिस टीम में शामिल एसएसआई छुट्ठू चौधरी, हेड कांस्टेबल बलिकरन और भानु प्रताप सिंह ने इन चारों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार किया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि ये लोग प्रार्थना सभा के बहाने ईसा मसीह की महिमा का बखान कर रहे थे और लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। पुलिस ने इनके पास से कुछ संदिग्ध धार्मिक पुस्तकों की भी बरामदगी की है, जिनका उपयोग धर्म परिवर्तन कराने के लिए किया जा रहा था।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
कोठी थाना के इंस्पेक्टर संतोष सिंह ने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है और उनके पास से बरामद धार्मिक पुस्तकों की जांच की जा रही है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
ग्रामीणों में आक्रोश, धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीमारी के नाम पर झाड़-फूंक और प्रार्थना सभाओं के जरिए धर्म परिवर्तन कराना न केवल गैरकानूनी है बल्कि यह समाज में अस्थिरता फैलाने का भी प्रयास है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सके।
धर्म परिवर्तन का मुद्दा और संवेदनशीलता
इस घटना ने बाराबंकी में धर्म परिवर्तन के मुद्दे को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है। बीमारी के इलाज की आड़ में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना न केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द्र के लिए भी खतरा बन सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में कैसे और कब तक उचित न्यायिक कार्रवाई करता है, ताकि समाज में शांति और सौहार्द्र बना रहे।
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