बड़ी खबर : विवेचक की कलम से पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू फिर निर्दोष

विवेचक की कलम से पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू फिर निर्दोष
UPT | पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू

Aug 13, 2024 23:41

गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को विवेचक ने अग्रिम विवेचना में भी अपनी कलम से निर्दोष साबित किया है

Aug 13, 2024 23:41

Short Highlights
  • कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर की क्लोजर रिपोर्ट की पुष्टि
  • विवेचक ने लगाई रिपोर्ट में कहा-सोनू ने की थी आत्महत्या
Ayodhya News :  अयोध्या जनपद की गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को विवेचक ने अग्रिम विवेचना में भी अपनी कलम से निर्दोष साबित किया है। इस आशय की रिपोर्ट दाखिल करके पूर्व में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए उसे स्वीकृत करने की कोर्ट से याचना की है। क्लोजर रिपोर्ट विशेष मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए अंशुमाली पांडेय की अदालत में दाखिल की गई है।

रिपोर्ट के माध्यम से विवेचक ने सोनू की मौत को आत्महत्या बताया है। कोर्ट ने सोनू हत्याकांड में पुलिस द्वारा प्रस्तुत क्लोजर रिपोर्ट निरस्त करके अग्रिम विवेचना करने का आदेश प्रभारी निरीक्षक कैंट कोतवाली को दिया था। आरोप था कि शहर के कौशलपुरी निवासी राजकुमार के बेटे अजय प्रताप उर्फ सोनू सिंह की 22 दिसंबर 2018 को इंद्र प्रताप तिवारी द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या के संबंध में रिपोर्ट इंद्र प्रताप तिवारी के खिलाफ नामजद हत्या, रंगदारी वसूलने, आपराधिक षडयंत्र करने तथा जान से मार डालने की धमकी की धारा में लिखाई गई थी। मामले में विवेचक ने विवेचना के बाद स्वतंत्र गवाहों के बयान फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतक अजय प्रताप द्वारा अपने आप को स्वयं लाइसेंस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर लिए जाने की  22 मार्च 2021 को क्लोजर रिपोर्ट भेज दी थी।

न्यायालय की ओर से सूचना के बाद राजकुमार ने मामले में प्रोटेस्ट पिटीशन यह कहते हुए दाखिल की थी कि विवेचक ने घटनास्थल की वीडियो ग्राफी नहीं करवाई। वादी और उसके परिजनों के बताए गए तथ्यों पर कोई ध्यान नहीं दिया ।विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट तथा भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक की सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं कंप्यूटर आपात प्रक्रिया दल की परीक्षण रिपोर्ट विरोधाभासी है। पुलिस के अनुसार काफी नजदीक से सटाकर गोली मारी गई लेकिन रिवाल्वर पर किसी प्रकार के खून के धब्बे नहीं पाए गए हैं। रिवाल्वर पर किसी के फिंगरप्रिंट है या नहीं इस पर भी विवेचक ने कोई राय नहीं दी है । जिस पर कोर्ट ने फिर से विवेचना करने का आदेश दिया था विवेचक अमरेंद्र बहादुर सिंह ने केस डायरी में लिखा है कि रिवाल्वर, बुलेट, खोखा कारतूस, मृतक के बाएं हाथ में फायरिंग के अवशेष नाइट्राइट की उपस्थिति पाई गई। 

विवादित रिवाल्वर की नाल में अवशेष नाइट्राइट पाया गया। बुलेट रिवाल्वर के कारतूस की चली बुलेट है। मृतक के दाहिने व बाएं हाथ से लिए कॉटन स्वाब में फायरिंग के अवशेष नाइट्राइट की उपस्थिति पाई गई। राज्य मेडिको लीगल से प्राप्त परीक्षण से फायर आर्म की चोटें क्लोज रेंज से हैं।  स्ट्रक बुलेट मृतक की खोपड़ी में पड़ी है। फोटोग्राफ संकेत करता है कि मृतक के फिंगर से फायर आर्म स्वचालित है बाएं हथेली पर काले धब्बे हैं। बरामद बुलेट व रिवाल्वर  का परीक्षण आपस में मेल खाता है। उक्त घटना सोनू  द्वारा स्वयं कारित की गई है।

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