रामोत्सव : अनेक भाषाओं, संस्कृतियों व जन के मन में अनेक रूपों में राम की रही उपस्थिति 

अनेक भाषाओं, संस्कृतियों व जन के मन में अनेक रूपों में राम की रही उपस्थिति 
UPT | रामोत्सव-2024 शुक्रवार को संपन्न हो गया।

Mar 16, 2024 17:55

रामोत्सव में देश की अनेक भाषाओं, संस्कृतियों व जन के मन में अनेक रूपों में राम की उपस्थिति रही है, जो उभर कर आई। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण व बाल रूप में अत्यंत मोहक दिख रहे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद से चरम पर पहुंचा।

Mar 16, 2024 17:55

Short Highlights
  • 14 जनवरी से शुरू हुआ था रामोत्सव, 15 मार्च देर रात हुआ संपन्न 
  • देश, विदेश के कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने को मिला था मंच
Ayodhya News : भगवान रामलला के भव्य, दिव्य व नव्य मंदिर में विराजमान होने से पहले 14 जनवरी 2024 से शुरू हुआ रामोत्सव अपने चरम पर पहुंच कर जन-जन के मन तक सांस्कृतिक चेतना के विस्तार का उद्देश्य पूरा कर 15 मार्च की देर रात्रि संपन्न हो गया।

रामोत्सव में देश की अनेक भाषाओं, संस्कृतियों व जन के मन में अनेक रूपों में राम की उपस्थिति रही है, जो उभर कर आई। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण व बाल रूप में अत्यंत मोहक दिख रहे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद से चरम पर पहुंचा। प्रतिदिन रामनगरी आ रहे लाखों श्रद्धालुओं की अनुशासित भारी भीड़ को देखकर केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के संयोजन में श्रद्धालुओं को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन दर्शन भजन, लोकगायन व अन्याय शास्त्रीय विधाओं से जन के मन तक पहुंचाने के लिए रामोत्सव का शानदार आयोजन किया गया।

हर धर्म के कलाकारों ने प्रभु श्री राम को भाव पूर्ण भजनों से रिझाया
भजन संध्या स्थल मंच पर 14 जनवरी से शुरू सुरमयी सफर हजारों कलाकारों की प्रस्तुतियों से समृद्धि का चरम छूता 15 मार्च को आकर समाप्त हुआ। देश के लगभग सभी प्रदेशों से क्या हिन्दू क्या मुसलमान क्या सिख, ईसाई, जैन,  बौद्ध मतावलंबी सभी धर्म वर्ग के कलाकारों ने मंच के माध्यम से प्रभु श्री राम को अपने भाव पूर्ण भजनों से खूब रिझाया तो दर्शकों के रूप में आए रामभक्तों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया ‌। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के साथ सहयोग में लगे संबंधित विभाग के अधिकारी जहां इसे सफल बनाने में जुटे तो वहीं मंचीय प्रस्तुति से इसे आकर्षक बनाया। नतीजतन शुक्रवार देर रात सम्पन्न हुए इस आयोजन की शानदार सफलता पर सभी ने मिल कर खुशियां मनाई ।

कलाकारों को संस्कृति विभाग की ओर से किया गया सम्मानित
संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक ने कलाकारों को श्रीराम दरबार उकेरित सुंदर स्मृति चिन्ह व श्रेष्ठ उद्घोषक के रूप में विश्व प्रकाश रूपन को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर वैभव मिश्र, मानस तिवारी, अमित पांडेय, बृजेश दूबे, कासिफ, अरूण साहू जैसे समर्पित व्यवस्थापकों का भी सम्मान किया गया।

श्रेष्ठ कलाकारों में आकृति मेहरा, प्रो. अनिल त्रिपाठी, प्रो. डॉ. विनीता सिंह, शुचिता पांडेय, अनुमेहा गुप्ता, शैलेश श्रीवास्तव, केपीएस विश्वनाथन, महावीर सिंह चाहर, अदिति शुक्ल, मासूम अली, सुरेश चंद्र शुक्ल, सनी मिश्रा, मनोज कुमार मिश्र 'मिहिर', दीपाली त्रिपाठी, अग्निहोत्री बंधुओं, संजोली पाण्डेय, श्रुति मालवीय, मंदाकिनी मिश्रा, नेहा सिंह, रमेश मिश्रा, मनोहर सिंह, यज्ञ नारायण सिंह पटेल, चंद्र कला, चंद्रेश पांडेय, श्वेता गुंजन जोशी, मेनका मिश्र, प्रणव सिंह, रश्मि उपाध्याय, फौजदार सिंह, आशुतोष श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, करन अर्जुन झा जैसे अनगिनत प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को श्रीराम की कृपा से खासी प्रशंसा प्राप्त हुई। भगवान श्री राम को समर्पित भजन पुष्प का आनंद निरंतर संचार माध्यमों से व रूबरू आकर श्रद्धालुओं ने उठाया। आयोजन की सफलता पर कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज से रामोत्सव का यह आयोजन यहीं समाप्त हो रहा है। 

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