श्रीराम भगवान के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से ही तुलसी उद्यान, राम कथा पार्क और अन्य स्थलों पर अनवरत रामोत्सव हो रहा है। जिसमें देश विदेश के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा से सम्मोहित कर रहे हैं।
Ayodhya Ramotsav : राजस्थान के रंग में डूबा रामोत्सव, राम के भजनों पर झूमे श्रद्धालु
Feb 15, 2024 11:37
Feb 15, 2024 11:37
राजस्थानी लोक गीतों से रोमांचित रहे श्रोता
कलाकारों ने बुधवार की देर शाम उपस्थित भक्तों के भावों को स्वर दिया। "सांसों को माला पर सिमरू मैं प्रभु का नाम" तो सभी भाव विभोर हो गए और अंत में प्रभु राम की भक्तवात्सलता को व्याख्यायित करते हुए हनुमान जी का भजन "भरत भाई, कपि से उऋण हम नाहीं" सुनाया तो सभी ताली से ताल देने लगे। मंच पर सुमित्रा देवी और उनके दल ने राजस्थानी लोकगीतों पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करके राजस्थानी खुशबू से सरयू तीरे सभी को रंग दिया। सर्वप्रथम इस दल की महिला कलाकारों ने "तोरोताली" लोकनृत्य में अद्भुत करतब दिखाकर सभी को अचंभित दिया। घुटनों और पैरो के पंजों में मंजीरे बांध कर उन मंजीरों का हाथों से वादन करना और उसी के मध्य मुंह में तलवार पकड़कर नृत्य करना सभी को तालियां बजाने पर विवश कर रहा था।
जब खड़े होकर तालियां बजाने लगे श्रोता
दल की कलाकार रवीना ने राजस्थान का "भवई" लोक नृत्य प्रस्तुत किया। सिर पर एक साथ दो घड़ों को रखकर चक्कर मारना और उसके बाद उसी लय पर चार घड़े के साथ दांतों से कागज पकड़ना सभी को हैरान कर गया। लोगों का आश्चर्य चरम पर पहुंच गया, जब सिर पर नौ घड़ों के साथ पैरों से परात पर और उसके बाद गिलास खड़े होकर संतुलन साधते हुए रवीना ने नृत्य किया तो एक बार सभी खड़े होकर तालियां बजाने लगे। देर रात तक चली सांस्कृतिक संध्या में रामोत्सव राजस्थानी रंग में रंगकर दर्शकों को राममय कर गया। संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने मोहक अंदाज में करके सभी को बांधे रखा। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारों का सम्मान कार्यक्रम समन्वयक अतुल सिंह ने किया। पांडाल में चंद्र भूषण मिश्र, अनूप श्रीवास्तव, संत जानकी जी महाराज, बबुआ जी, ऋतिका, आशुतोष, दीपशिखा समेत संतजन और श्रद्धालु देर रात तक जमे रहे।
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