उत्तर प्रदेश की चर्चित सुल्तानपुर डकैती के बारे में सुना ही होगा। इतनी बड़ी डकैती को शायद ही कोई भूल सकता है। यूपी पुलिस आरोपियों को पकड़ने में लगी हुई है। पुलिस ने अब तक कुछ को गिरफ्तार भी किया है...
सुल्तानपुर डकैती कांड की इनसाइड स्टोरी : एनकाउंटर, राजनीति और विवाद... जानिए सूबे की सबसे बड़ी लूट से कैसे लिखी गई पॉलिटिकल माइलेज की स्क्रिप्ट
Sep 20, 2024 23:49
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सुल्तानपुर डकैती कब हुई
सुल्तानपुर में 28 अगस्त दोपहर करीब 12 बजे अचानक 5 बदमाश ज्वेलरी शॉप में घुसे और हथियार निकाल लिए। बदमाशों ने दुकान मालिक और ग्राहकों पर हथियार तान दिए। इसके बाद करीब 10-15 मिनट में दो बैग में पूरी ज्वेलरी भरकर ले गए। बता दें कि भरतजी सर्राफ की यह दुकान शहर के पॉश इलाके कोतवाली में है। सभी बदमाशों ने मिलकर 10-15 मिनट में में पूरी वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक डकैती लगभग सवा दो करोड़ की थी। जबकि अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पांच करोड़ रूपये की लूट को दर्शाया, जिसे सुल्तानपुर पुलिस ने भ्रामक बताया था।
डकैती में शामिल बदमाशों के नाम
बता दें कि पुलिस ने पहली सफलता 2 सितंबर को हासिल की। कोतवाली पुलिस और एसओजी की टीम ने दो सितंबर को पुष्पेंद्र सिंह, सचिन सिंह और त्रिभुवन को एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 15 किलो चांदी और 48 हजार रुपये भी बरामद किए गए। इसके बाद 4 सितंबर को डकैती मामले के मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने सरेंडर कर दिया था। पांच सितंबर को यूपी एसटीएफ ने कोतवाली देहात के मिश्रपुर पुरैना के पास एक लाख रुपये के इनामी बदमाश मंगेश यादव को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। उसके पास से एक पिस्टल और चांदी भी बरामद की गई। बीते दिन सुल्तानपुर कांड के संबंध में यूपी पुलिस ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें अपराधियों के नाम, सीसीटीवी फुटेज और उनकी तस्वीरें शामिल थीं। डीजीपी ने बताया कि अंकित, अरबाज, मंगेश यादव, अनुज प्रताप सिंह और फुरकान ने दुकान में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। सबसे पहले अनुज प्रताप सिंह सफेद गमछा और सफेद शर्ट पहनकर दुकान के अंदर पहुंचा। मुठभेड़ में मारा गया मंगेश यादव तीसरे नंबर पर हेलमेट लगाकर आया था और उसने पिस्तौल के बल पर धमकाने की कोशिश की।
मंगेश यादव एनकाउंटर पर उठे सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगेश यादव एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए पुलिस पर आरोप लगाए। उनका कहना है कि मंगेश यादव का एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि रात में पुलिस आई और मंगेश को उठाकर ले गई। यहां एनकाउंटर करने के लिए भी रणनीति बनाई जाती है। अखिलेश ने कहा कि यूपी में अन्याय की सीमा टूट गई है। एनकाउंटर को लेकर झूठी कहानी पढ़ी जा रही है। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो ये ना जानता हो कि यूपी में फेक एनकाउंटर नहीं हो रहे हैं। हत्या की जा रही हैं। मंगेश यादव की हत्या हुई है। गांव के लोग जानते हैं कि मंगेश को पुलिस-एसटीएफ रात में उठाकर ले गई।
अखिलेश ने लगाए ये आरोप
अखिलेश ने 5 सितंबर को सोशल साइट एक्स पर कहा कि सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।
मंगेश यादव एनकाउंटर में मजिस्ट्रेट जांच के आदेशलगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
इसके बाद मंगेश यादव के एनकाउंटर की जांच अब मजिस्ट्रेट स्तर पर करने का फैसला लिया गया। जिलाधिकारी के आदेश पर लंभुआ एसडीएम विदुषी सिंह को इस मामले की जांच सौंपी गई। यह जांच 15 से 20 दिनों के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए गए। मंगेश यादव, जो कि एक लाख रुपये का इनामी डकैत था, 5 सितंबर को सुल्तानपुर के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
डकैती कांड में 5 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लिया और इसके चलते घंटाघर पुलिस चौकी के इंचार्ज समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। लोगों की नाराजगी को देखते हुए एडीजी एसबी शिरडकर और आईजी प्रवीण कुमार ने मौके पर जाकर स्थिति की समीक्षा की। यह एक्शन इसलिए लिया गया क्योंकि बड़े अधिकारियों का मानना था कि डकैती की घटना घंटाघर पुलिस चौकी से महज कुछ कदम की दूरी पर हुई, जबकि कोतवाली थाना भी 300 मीटर दूर स्थित है। यहां 24 घंटे पुलिस पिकेट की ड्यूटी रहती है, इसके बावजूद बदमाशों ने बेखौफ होकर ज्वेलर की दुकान में लूटपाट की और आसानी से फरार हो गए।
11 सितंबर को पकड़े चार आरोपी
सुल्तानपुर डकैती कांड में पुलिस ने 11 सितंबर को बड़ा खुलासा किया। जिले की एसओजी और कोतवाली नगर की टीम ने सर्राफा कारोबारी भरतजी सोनी की दुकान से हुई करोड़ों की डकैती के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक इनके पास से करोड़ों रुपये मूल्य का सोना बरामद किया गया। ये बदमाश कोतवाली नगर के दुबेपुर क्षेत्र में पकड़े गए। पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने सभी चुराए गए सामान को बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक विपिन की निशानदेही पर विवेक सिंह, अरविंद यादव, दुर्गेश सिंह और विनय शुक्ल को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में सवा दो किलो सोना भी बरामद हुआ। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विवेक सिंह, जो विपिन का भाई है, अमेठी के मोहनगंज थाना क्षेत्र के भवानी नगर का निवासी है। उसके खिलाफ दिल्ली और हरियाणा में मामले दर्ज हैं। वहीं, आजमगढ़ के फूलपुर क्षेत्र के अरविंद यादव पर 21 मामले दर्ज हैं, जबकि रायबरेली के नगर क्षेत्र के दुर्गेश सिंह के खिलाफ एक मामला है।
ऐसे हुआ आरोपी अजय यादव का एनकाउंटर
वहीं 20 सितंबर को पुलिस ने डकैती के एक और आरोपी को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का नाम अजय यादव उर्फ डीएम है। अजय यादव 29 अगस्त 2024 को सुल्तानपुर की भरतजी ज्वेलर्स में हुई डकैती के बाद से फरार था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके पास से 4 किलो चांदी बरामद हुई। वहीं पुलिस ने इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि मंगेश यादव एनकाउंटर में मारा गया है। इस दौरान पुलिस फरार बदमाशों की तलाश कर रही थी। 20 सितंबर सुबह एसटीएफ और स्थानीय एसओजी को जानकारी मिली कि एक लाख रुपये का इनामी बदमाश अजय यादव जयसिंहपुर क्षेत्र में आ रहा है। पुलिस ने नाकेबंदी की और मोइली गांव के पास एसटीएफ, एसओजी, जयसिंहपुर और नगर कोतवाली की टीम ने अजय यादव को घेर लिया, उसे सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन अजय ने सरेंडर करने के बजाय फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
27 सितंबर को पेश होगी मंगेश यादव एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट
सुल्तानपुर के चर्चित मंगेश यादव एनकाउंटर केस में राज्य मानवाधिकार आयोग ने सुल्तानपुर के जिला अधिकारी से जवाब मांगा है। आयोग ने डीएम को इस मामले की जांच कर 27 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। फर्जी एनकाउंटर के आरोपों से संबंधित इस शिकायत की अगली सुनवाई राज्य मानवाधिकार आयोग में 30 सितंबर को होगी।
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