आठवें दीपोत्सव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। जहां 30 अक्तूबर को अयोध्या 25 लाख दीप जलाकर एक विश्व कीर्तिमान बनाने जा रही है...
त्रेतायुग जैसा नजारा : तीन दिवसीय दीपोत्सव का आगाज, अयोध्या 25 लाख दीपों के साथ बनाएगी विश्व कीर्तिमान
Oct 29, 2024 12:05
Oct 29, 2024 12:05
25 लाख दीपों से बनने जा रहा विश्व कीर्तिमान
आठवें दीपोत्सव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। जहां 30 अक्तूबर को अयोध्या 25 लाख दीप जलाकर एक विश्व कीर्तिमान बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पावन अवसर पर उपस्थित रहेंगे और दीप जलाकर इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनेंगे। इस वर्ष दीपोत्सव में 29 लाख दीप जलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पूरी अयोध्या दीपों की ज्योति से जगमग करेगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भगवान राम का राज्य फिर से इस नगरी में साकार हो गया हो। घर-घर, मठ-मंदिर, हर चौक-चौराहा और रामपथ के डिवाइडरों को विशेष रूप से सजाया गया है। कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स और सजावट दीपोत्सव को अद्वितीय रूप दे रही हैं।
रामकथा की छटा और लोक संस्कृति की झलक
राम की पैड़ी पर हजारों छात्र-छात्राओं की टीम दीपों को सजाने का कार्य कर रही है। हर शाम राम की पैड़ी पर होने वाले लेजर शो में रामकथा का अद्भुत प्रदर्शन हो रहा है, जो दर्शकों को रामायण काल की याद दिला रहा है। मुख्य मार्ग पर लगे विशाल होर्डिंग्स, रंग-बिरंगे तोरणद्वार और घाटों की श्रृंखला दीपोत्सव को भव्यता प्रदान कर रही हैं। इस मौके पर लोक संस्कृति भी सजीव हो उठी है, और विभिन्न मंचों पर लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से अयोध्या में उत्सव का रंग बिखेर रहे हैं।
रामकथा पार्क में विशेष आकर्षण
रामकथा पार्क में इस बार 90 फीट लंबे रामदरबार की सजावट राजा राम के राजमहल की थीम पर की गई है। दरबार के पीछे का दृश्य डिजिटल तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे माहौल और भी जीवंत हो गया है। साधु-संतों के बैठने के लिए विशेष मंच बनाया गया है। जहां उनके सत्संग और प्रवचन दीपोत्सव का आध्यात्मिक पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। रामकथा पार्क के प्रवेश द्वार पर तोरण द्वार सजाया गया है। जिस पर लाइटिंग के माध्यम से रामकथा का चित्रण है। जो हर आगंतुक का ध्यान खींच रहा है।
भक्ति का चरम और अयोध्या का उल्लास
महंत डॉ.भरत दास ने इस आयोजन के महत्व को समझाते हुए कहा, "अवधपुरी अति रुचिर बनाई। देवन्ह सुमन बृष्टि झरि लाई...रामचरित मानस की यह पंक्ति साकार हो रही है। रोशनी से नहाई सरयू को देखकर मन यही दुआ करता है कि इस अभिनव दीपरात्रि की सुबह कभी न आए।” वहीं, साहित्यकार डॉ. हरिप्रसाद दुबे कहते हैं, "आज अयोध्या में जैसे त्रेतायुग सजीव हो उठा है। रामलला भव्य महल में पहली दीपावली मनाएंगे, और पूरी अयोध्या जगमग होगी। यह देखकर जीवन कृतार्थ हो गया है।"अयोध्या में इस दीपोत्सव ने भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत किया है। जिसे देखने और महसूस करने के लिए लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। राम की पैड़ी से लेकर सरयू घाट तक दीपों की अद्वितीय श्रृंखला और रामकथा के दृश्य देखने वालों के दिलों में इस पल को अमिट बना रहे हैं।
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