मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अयोध्या के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने रामकथा पार्क में 43वें रामायण मेले का उद्घाटन किया...
अयोध्या दौरे पर सीएम योगी : हनुमानगढ़ी में मत्था टेका, देश और प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की
Dec 05, 2024 16:19
Dec 05, 2024 16:19
प्रदेशवासियों के कल्याण की मांग
हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने रामलला के मंदिर में साष्टांग दंडवत होकर पूजा अर्चना की। इस दौरान, उन्होंने प्रभु श्रीराम से प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की और मंदिर में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री का यह दौरा अयोध्या में धार्मिक और विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बताया जा रहा है।
500 साल बाद प्रभु राम मंदिर में विराजमान
रामायण मेले का उद्घाटन करने के बाद, सीएम योगी ने जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 500 साल बाद प्रभु राम मंदिर में विराजमान हैं, जो एक ऐतिहासिक घटना है। यह आयोजन अयोध्या में हुआ है, लेकिन इस उत्सव का असर पूरे विश्व में महसूस किया जा रहा है। उन्होंने अयोध्या को दुनिया की हर समस्या का समाधान बताते हुए इसे राग और द्वेष से मुक्त बताया। मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास जताया कि जब तक लोगों की आस्था बनी रहेगी, तब तक भारत का बाल भी बांका नहीं होगा और देश का समृद्ध भविष्य सुनिश्चित रहेगा।
पूरे विश्व में उत्सव- सीएम योगी
इस दौरान, सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रभु राम फिर से अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं और यह आयोजन अयोध्या में हुआ, लेकिन इसका उत्सव पूरे विश्व में था। उन्होंने बताया कि हर सनातनी इस ऐतिहासिक क्षण को गर्व के साथ महसूस कर रहा था और यह सोच रहा था कि वह कार्य जिसे हमारे पूर्वज नहीं देख पाए, हम आज देख पा रहे हैं। यह अवसर उनके लिए अत्यंत विशेष था, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक लंबी प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद संभव हुआ है।
कब हुई रामायण मेले की शुरुआत
रामायण मेले की शुरुआत 1982 में प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने की थी। इस वर्ष के मेले में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रामलीला, गीत-संगीत, पखावज वादन, लोक गायन और नृत्य नाटिका शामिल हैं। विभिन्न जिलों से 20 से अधिक कलाकार इस मेले में भाग लेंगे, जो आयोजन को और भी रंगीन और जीवंत बनाएंगे।
मेले का मुख्य आकर्षण
चार दिवसीय रामायण मेले का मुख्य आकर्षण विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 5 दिसंबर को रामलीला, पखावज वादन और भजन गायन प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि 6 दिसंबर को लोक गायन और नृत्य नाटिका का आयोजन होगा। 7 दिसंबर को भजन गायन और लोक गायन के अलावा नृत्य नाटिका होगी, और 8 दिसंबर को जादू प्रस्तुति, भजन गायन और नृत्य नाटिका का आयोजन किया जाएगा।
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