10 अक्टूबर 2006 को चंद्रशेखर बलिया पहुंचे। दिल्ली से बलिया का रास्ता उन्होंने ट्रेन से पूरा किया। लेकिन जैसे ही इस बात की जानकारी बलिया के लोगों मिली कि चंद्रशेखर बलिया आ रहे हैं तो हजारों की संख्या में उनके समर्थक और चाहने वाले बलिया स्टेशन पर पहुंच गए। पूरा स्टेशन...
जब ज़ार-ज़ार रोए पूर्व पीएम चंद्रशेखर : संसदीय क्षेत्र बलिया पहुंचते ही समर्थकों के प्यार में छलके थे आंसू
May 23, 2024 17:12
May 23, 2024 17:12
- चंद्रशेखर के आंखों में आंसू देखकर स्टेशन पर कुछ देर के लिए भीड़ में सन्नाटा पसर गया।
- जासूसी के आरोप में कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से गिर गई थी चंद्रशेखर की सरकार।
बलिया जाने की जताई थी इच्छा
चंद्रशेखर देश के 8 वें प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस के समर्थन से 10 नवंबर 1990 को उन्होंने देश के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला। हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा था। वो सिर्फ 7 महीने ही प्रधानमंत्री के पद पर रहे। चंद्रशेखर को बलिया का बाबू साहब कहा जाता था। चंद्रशेखर ने 8 बार बलिया संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। चंद्रशेखर को अपने मिट्टी से बहुत लगाव था। लेकिन एक ऐसा समय भी आया जब बलिया पहुंचकर चंद्रशेखर रोने लगे। दरअसल, अंतिम कुछ सालों में उनकी तबियत बहुत खराब रहने लगी थी। वो दिल्ली में रह रहे थे। एक दिन उन्होंने मन बनाया कि मुझे कुछ हो जाए, उससे पहले एक बार अपने अपनी मिट्टी को चूम लूं। इसलिए उन्होंने अपने गृह जनपद बलिया आने का सोचा। हालांकि बलिया का यह दौरा उनका अंतिम बलिया दौरा था। इसके 6 महीने के बाद उनकी मौत हो गई।
10 अक्टूबर 2006 को चंद्रशेखर बलिया पहुंचे। दिल्ली से बलिया का रास्ता उन्होंने ट्रेन से पूरा किया। लेकिन जैसे ही इस बात की जानकारी बलिया के लोगों मिली कि चंद्रशेखर बलिया आ रहे हैं तो हजारों की संख्या में उनके समर्थक और चाहने वाले बलिया स्टेशन पर पहुंच गए। पूरा स्टेशन चंद्रशेखर के समर्थकों से भरा हुआ था। जब ट्रेन बलिया स्टेशन पर पहुंची तो समर्थकों में गजब का उत्साह था। जैसे ही चंद्रशेखर ट्रेन से बाहर निकले, उनके चाहने वालों ने जमकर नारा लगाना शुरू कर दिया। कई साल बाद बलिया की जनता अपने नेता को देख रही थी। इसलिए उनमें गजब का उत्साह था। अपने लिए इस प्यार और समर्थन को देखकर चंद्रशेखर अपने आप को रोक नहीं पाएं और फफक-फफक कर रोने लगे। उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे और उनका चेहरा ऐसा हो गया था मानों वर्षों की उनकी कोई तमन्ना पूरी हो गई हो। वो आंखों में आंसू लिए अपने समर्थक के बीच पहुंच गए। चंद्रशेखर के आंखों में आंसू देखकर स्टेशन पर कुछ देर के लिए भीड़ में सन्नाटा पसर गया। बाद में सभी समर्थक अपने नेता की जय-जयकार करने लगे।
जासूसी के आरोप में गई चंद्रशेखर की सरकार
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने कांग्रेस का बागडोर अपने हाथ में ले लिया। इंदिरा की मौत के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने 400 से ज्यादा सीटें जीतीं और राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बनें। लेकिन राजीव गांधी सरकार पर लगे बोफोर्स घोटाले के आरोपों के बाद 1989 के चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद जनता दल की सरकार बनी और वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री बनें। लेकिन एक साल बाद ही भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया। जिस कारण वीपी सिंह की सरकार गिर गई। जिसके बाद कांग्रेस ने जनता दल को समर्थन दिया और चंद्रशेखर देश के 8 वें प्रधानमंत्री बन गए। लेकिन 7 महीने बाद ही कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस पार्टी ने चंद्रशेखर सरकार पर यह आरोप लगाया था कि उनकी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जासूसी करवा रही हैं।
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