बरेली के डीएम द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने भूमि अधिग्रहण घोटाले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग के तीन अवर अभियंताओं और एक अमीन...
यूपी में भूमि अधिग्रहण घोटाले में बड़ा एक्शन : पीडब्ल्यूडी की सहायक अभियंता समेत 5 सस्पेंड, कई अफसरों पर लटकी तलवार
Sep 19, 2024 10:42
Sep 19, 2024 10:42
जानिए क्या है मामला
बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण और रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले में 80 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। इस गंभीर मामले में शासन ने तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की। जिसके तहत अनुसचिव शिवकुमार ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास) को पत्र भेजा है।
11 सितंबर को शासन को मिली जांच रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट 11 सितंबर को शासन को प्राप्त हुई। जिसमें बताया गया कि डीएम की ओर से गठित जांच कमेटी ने गहन समीक्षा की। मुख्य विकास अधिकारी जगप्रवेश द्वारा तैयार की गई 227 पेज की रिपोर्ट में कई अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में एनएचएआई के साइट इंजीनियर और नामित एजेंसी साईं सिस्ट्रा ग्रुप के प्रतिनिधियों का भी उल्लेख है। जिन्होंने परिसंपत्तियों के अधिक मूल्यांकन में भूमिका निभाई थी।
दोषी अधिकारियों की जानकारी
रिपोर्ट में तत्कालीन अधिशासी अभियंता नारायण सिंह, सहायक अभियंता स्नेहलता श्रीवास्तव और अवर अभियंता राकेश कुमार, अंकित सक्सेना, सुरेंद्र सिंह तथा अमीन शिवशंकर को गलत सत्यापन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। शासन ने इन सभी को निलंबित कर अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और रिपोर्ट की कॉपी तलब की गई है।
पीलीभीत में कार्रवाई का डर
बरेली में कार्रवाई के बाद पीलीभीत में भी तत्कालीन अधिकारियों के नाम मांगे गए हैं। इस सूचना से वहां के लेखपालों और अभियंताओं में डर का माहौल बन गया है। सभी विभागों के कर्मचारियों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है और संभावित कार्रवाई को लेकर आशंका बढ़ गई है।
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