यूपी के बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रमित शर्मा ने पुलिस जनसंपर्क को सुदृढ़ करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित जनसंपर्क अधिकारी 'जारविस' (JARVIS) की शुरुआत की है।
बरेली में एडीजी ने शुरू किया 'जारविस : पुलिस जनसंपर्क को सुदृढ़ करने के लिए एआई आधारित पहल
Jan 20, 2025 22:39
Jan 20, 2025 22:39
पुलिस और जनता के बीच बढ़ाएगा भरोसा
'जारविस' के माध्यम से बरेली पुलिस ने एक नई पहल की है, जो जनता के साथ त्वरित और प्रभावी संचार सुनिश्चित करेगी। यह एआई पीआरओ समय-समय पर यातायात नियमों के पालन, महिला सुरक्षा, वूमेन हेल्पलाइन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता फैलाने में सहायक होगा। इससे पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। सोशल मीडिया और एआई के बढ़ते इस्तेमाल के बीच जोन पुलिस की यह अनूठी पहल है। जिसके चलते जोन पुलिस ने अपना पीआरओ ही डिजिटल कर दिया। ये डिजिटल एआई पीआरओ डिजिटल दुनिया के साथ-साथ एआई के नए जमाने में लोगों तक चंद मिनटों में पुलिस के महत्वपूर्ण कार्यों को जनता तक पहुंचाने में बेहद कारगर साबित होगा। एआई पीआरओ जारविस अपनी आवाज में लोगों को समय-समय पर बरेली ज़ोन में पुलिस के चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम का वीडियो और आडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएगा।
एडीजी ने जारविस का दिया परिचय
एडीजी बरेली जोन के आधिकारिक फेसबुक पेज पर 'जारविस' का परिचय देते हुए एक वीडियो साझा किया गया है। इसमें इसकी विशेषताओं और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने बताया कि एआई पीआरओ झुमका चौराहे से लेकर नावल्टी, चौकी चौराहा, शील चौराहा, डीडीपुरम चौराहा या किसी भी जिले में किसी भी चौराहे पर लोगों को वीडियो और आडियो मैसेज देगा। यही नहीं वह बगैर सीट बेल्ट के जा रही महिला से निवदेन करेगा कि आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई है। इससे आपका चालान हो सकता है। दुर्घटना हो सकती है। आप सीट बेल्ट लगा लीजिए, महिला हेल्पलाइन 1090 से लेकर जन जागरुकता, ट्रैफिक नियमों को लेकर, स्कूली बच्चों, युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को भी डिजिटल तरीके से बढ़ावा देगा। वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक करने का काम करेगा।
जनता से बढ़ेगा संवाद
इस पहल से बरेली पुलिस की छवि में सुधार और जनता के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि 'जारविस' के माध्यम से पुलिस और नागरिकों के बीच संवाद और सहयोग में वृद्धि होगी। इससे समाज में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा।