बदायूं की गंगा नदी में डूबे बच्चे के मामले में परिजनों ने खाकी और स्थानीय गोताखोरों पर भी शर्मसार करने वाले आरोप मढे थे। जो मानवता को झकझोर देने वाले थे। हालांकि उझानी पुलिस ने लगाए गए सभी आरोप असत्य बताए है।
बदायूं की गंगा में डूबे चार बच्चे : तीन सकुशल निकाले, एक का दूसरे दिन मिला शव, पुलिस पर गंभीर आरोप
May 16, 2024 15:19
May 16, 2024 15:19
घंटों चले रेस्क्यू के बाद किशोर शव मिलाBudaun: परिजनों की हैरान करने वाली पुलिस और गोताखोरों की रुपये और शराब की बोतल वाली डिमांड को इंस्पेक्टर ने बताया निराधार।#Budaun #budaunpolice #UttarPradeshTimes #UttarPradesh #MissingChild @budaunpolice pic.twitter.com/ILDUfMGHpz
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बता दें कि बदायूं की गंगा नदी में डूबे बच्चे के मामले में परिजनों ने खाकी और स्थानीय गोताखोरों पर भी शर्मसार करने वाले आरोप मढे थे। जो मानवता को झकझोर देने वाले थे। हालांकि उझानी पुलिस ने लगाए गए सभी आरोप असत्य बताए है। उल्लेखनीय है कि बदायूं के भागरथी तट कछला गंगा घाट पर बुधवार को स्नान के दौरान कासगंज के रहने वाले चार बच्चे डूब गए। आनन-फानन में तीन बच्चों को स्थानीय गोताखोरों ने बचा लिया। लेकिन चौथे किशोर पीयूष का घंटों चले रेस्क्यू के बाद बुधवार आज दूसरे दिन शव मिला है।
परिजनों का पुलिस पर गंभीर आरोप
मृतक पीयूष के परिजनों ने दो पुलिस कर्मियों और गोताखोरों पर इल्जाम लगाए थे। कि उक्त पुलिस व गोताखोरों से उन्होंने गंगा नदी में डूबे पीयूष को बचाने के लिए गुहार लगाई। तो वहां पहुंचे पुलिस वाले और कुछ गोताखोरों ने बोल दिया पहले शराब खरीदने के लिए रूपये दीजिए। इतना ही नही मृतक की बहन रिया ने रूपये पेटीएम के जरिए किसी को ट्रांसफर भी कर दिए ताकि बीयर पीने के बाद उसके भाई को बचा लिया जाए। लेकिन ऐसा नही हुआ शराब के लिए जिसने भी यह मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य किया वो झकझोर देने वाला है। रिया के इकलौते भाई पीयूष की जान फिर भी नही बच सकी। और आज उसका शव दूसरे दिन गंगा नदी में तैरता मिला है।
यह है पूरी घटना
बदायूं कछला गंगा घाट भागीरथी तट पर गंगा नदी में स्नान करने के दौरान चार बच्चे डूबने लगे। यह सभी बच्चे कासगंज जिले के गणेश कॉलोनी के रहने वाले थे। डूबने वाले रिया,सिया,और पीयूष अपनी मां पूजा पत्नी धर्मेन्द्र और चौथी बच्ची पायल मां रानी पत्नी मूलचंद्र के साथ यहां गंगा सप्तमी के पर्व पर स्नान करने आए थे। इस दौरान पहले चारों बच्चे गंगा नदी में स्नान करने चले गए। और रानी व पूजा बच्चों की मां कपड़ों की देखभाल के लिए गंगा किनारे बैठ गई। बच्चे नहाने के दौरान गहरे पानी में पहुंच गए और भंवर में फंस गए। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय गोताखोर पहुंच गए। आनन-फानन में कडी मशक्कत के बाद तीन बच्चे बचा लिए गए लेकिन पीयूष का कोई पता नही चला था। अपनी जान बची तो पीयूष की बहन रिया ने उसे बचाने के लिए पुलिस व स्थानीय गोताखोरों से मदद की गुहार लगाई। मौके पर पहुंचे कुछ पुलिस कर्मी और गोताखोरों ने रिया से बीयर, शराब खरीदने के लिए रूपयों की डिमांड की। रिया ने पेटीएम के जरिए बीयर के लिए किसी के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। मंगलवार को जब घंटों बीत गए फिर भी पीयूष का कोई पता नही चला। इस दौरान दिल्ली से पिता धर्मेन्द्र भी कछला पहुंच गए। पुलिस व गोताखोरों की कथित डिमांड की कहानी सुनकर वो भी हैरान रह गए और गुस्साए परिजनों ने बरेली मथूरा हाईवे पर जाम लगा दिया। एसडीएम और सीओ के समझाने पर करीब आधा घंटे बाद परिजन मानें। जिसके बाद SDRF व PAC की टीमें रेस्क्यू के लिए पहुंची। आज दूसरे दिन बुधवार को पीयूष का शव मिला है। जिससे परिवार में कोहराम मच गया है।
बदायूं पुलिस ने दी सफाई
पूरे प्रकरण में इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि जब बच्चे डूबे तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई। किसी ने उनसे रुपये पेटीएम करा लिए थे। लेकिन किसी पुलिस कर्मी ने ऐसी कोई डिमांड नही की पीड़ित परिजन और पुलिस कर्मियों से आमना सामना कराया उन्होंने भी उनकी पुष्टी नही आरोप असत्य व गलत पाए गए। हाँ मदद के नाम पर जिसने भी ऐसा किया है। गलत है जांच की जायेगी। SSP आलोक प्रियदर्शी से भी मामले से संबंधित वर्जन लेना चाहा तो उनके पीआरओ ने बताया कि साहब मीटिंग में है आरोप निराधार है, फिर भी दिखवाते है।
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