शिवपाल यादव ने बदायूं में लोकसभा चुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी।
बदायूँ पहुंचे शिवपाल यादव : चुनाव न लड़ने की अफवाह पर लगाया विराम, सोशल मीडिया पर कह दी ऐसी बात...
Mar 14, 2024 14:53
Mar 14, 2024 14:53
बदायूं पहुंचे शिवपाल यादव
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
नाराजगी की अटकलों पर लगा विराम
जनसंपर्क यात्रा पर पहुंचे शिवपाल
शिवपाल यादव बदायूं में जनसंपर्क यात्रा पर पहुंचे हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- 'आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं। मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है। मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं। शकील बदायूनी साहब के शब्दों में... कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है, रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।'
आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) March 14, 2024
मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है।
मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं।
शकील बदायूनी साहब के शब्दों में...
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।
सपा ने दिया था बदायूं से टिकट
दरअसल समाजवादी पार्टी ने पहले बदायूं से धमेंद्र यादव का नाम घोषित किया था। लेकिन इसके बाद तीसरी लिस्ट में धर्मेंद्र का टिकट काटकर शिवपाल यादव का नाम शामिल किया था। दरअसल धर्मेंद्र यादव दो बार के सांसद रह चुके हैं, लेकिन पिछले चुनाव में वह भाजपा की संघमित्रा मौर्य से चुनाव हार गए थे। शायद इसलिए ही अखिलेश ने इस बार शिवपाल पर भरोसा जताया है।
बदायूं का ऐसा रहा है इतिहास
1951 से लेकर अब तक बदायूं में 17 बार मतदान हुए हैं। अब तक सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा 5 बार कांग्रेस, 2 बार भाजपा, 1 बार जनसंघ, 1 बार भारतीय लोक दल और 1 बार जनता दल ने जीत दर्ज की है। हालांकि 1984 के बाद से अब तक एक बार भी कांग्रेस इस सीट पर जीत नहीं पाई है। वहीं भाजपा ने 1991 ने बदायूं सीट पर जीत दर्ज की है।
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