यूपी के बरेली में आयुष्मान भारत योजना को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शहर के दीपमाला अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा पर आरोप है कि उन्होंने आयुष्मान योजना से इलाज कराने आए एक मरीज और उसके परिजन के साथ अभद्रता की...
आयुष्मान योजना को बताया 'चूरन-चटनी वाला इलाज' : डॉक्टर पर मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने का आरोप, उपचार के अभाव में मौत
Nov 19, 2024 18:08
Nov 19, 2024 18:08
डॉक्टरों को आर्थिक नुकसान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। IMA के अध्यक्ष ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत डॉक्टरों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि योजना में समस्याएं हैं, जिनसे डॉक्टरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। डॉ. मेहरोत्रा ने अपनी सफाई में कहा कि अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत चार महीने से भुगतान नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक दबाव में थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि वीडियो घटना के वास्तविक संदर्भ को सही तरीके से पेश नहीं करता और उनके बयान गुस्से में दिए गए थे। इस मामले की जांच जारी है। जिला प्रशासन ने अस्पताल को योजना से हटाने की सिफारिश की है और डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, IMA ने डॉक्टरों की सुरक्षा और झूठे आरोपों से बचाने के लिए सख्त कानून की मांग की है।
डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन दोनों परेशान
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि आयुष्मान योजना के तहत लाखों रुपये के दावे (क्लेम) अब तक पास नहीं हुए हैं, जिससे डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन दोनों परेशान हैं। पत्र में उन्होंने कहा, “अगर डॉक्टर अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक दबाव से परेशान होगा, तो कहीं न कहीं वह गुस्सा जाहिर करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान योजना में 90% से अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। बरेली आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर आरके सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पत्र को मीडिया में साझा किया है। आंकड़े बताते हैं कि बरेली जिले में आयुष्मान योजना के तहत सबसे अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। जिले में अब तक लगभग 4 लाख मरीजों का इलाज हो चुका है, जिनमें से 3.2 लाख मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। इसके बावजूद डॉक्टर योजना में खामियों की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्लेम पास होने में देरी और अन्य तकनीकी दिक्कतें डॉक्टरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।
दो सदस्यीय टीम कर रही है जांच
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने मीडिया को बताया कि इस मामले की जांच दो सदस्यीय कमेटी कर रही है, जिसमें एसीएमओ डॉ. राकेश और डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद शामिल हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि आयुष्मान योजना और विवादित बयान को लेकर गंभीरता से जांच हो रही है। जल्द ही दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने सरकार और चिकित्सकों के बीच चल रहे इस विवाद को और गहरा कर दिया है। मगर, योजना की खामियां दूर करने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
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