उत्तर प्रदेश से गन्ना चोरी : बरेली में चीनी मिल के जीएम और अधिकारियों खिलाफ मुकदमा दर्ज

बरेली में चीनी मिल के जीएम और अधिकारियों खिलाफ मुकदमा दर्ज
UPT | शुगर मिल का फोटो

Jan 08, 2025 10:10

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित सितारगंज चीनी मिल के जीएम और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ यूपी से अवैध रूप से गन्ना ले जाने के आरोप में बरेली देहात की बहेड़ी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

Jan 08, 2025 10:10

Bareilly News : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित सितारगंज चीनी मिल (शुगर मिल) के महाप्रबंधक (जीएम) और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ यूपी से अवैध रूप से गन्ना ले जाने के आरोप में बरेली देहात की बहेड़ी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। यहां के किसानों ने आरोप लगाया है कि मिल प्रबंधन स्थानीय किसानों के गन्ने की खरीद के बजाय उत्तर प्रदेश से गन्ना खरीद रहा है। जिसके चलते स्थानीय किसानों को पर्चियां नहीं मिल रही हैं और वे अपने गन्ने की बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि सितारगंज शुगर मिल की 32,000 कुंतल की क्षमता के बावजूद औसतन 17,000 कुंतल गन्ने की पेराई कर रही है। इससे स्थानीय गन्ना उत्पादकों को बड़ा नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिल की लीज निरस्त कर पूर्व की भांति संचालन की भी मांग की थी। जिससे स्थानीय किसानों के गन्ने की खरीद सुनिश्चित हो सके। 

बहेड़ी कोतवाली में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा
बरेली देहात की बहेड़ी कोतवाली में मंगलवार रात जिले का गन्ना अवैध तरीके से सितारगंज (उत्तराखंड) की ओर ले जाने के आरोप में बहेड़ी सहकारी गन्ना समिति के प्रभारी सचिव राजीव सेठ ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें सितारगंज स्थित जेपीएन शुगर बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रधान प्रबंधक अमर शर्मा, अध्यासी राज भंडारी और बहेड़ी के मंडनपुर गांव निवासी अंकुर शर्मा के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 और भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा तीन (5) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। स्थानीय प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

विवादों के घेरे में मिल, पीलीभीत में मुकदमा 
सितारगंज शुगर मिल पहले भी विवादों में रही है। दिसंबर, 2017 में मिल को बंद कर दिया गया था, लेकिन इसको मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दोबारा संचालित किया गया था। मगर, इसके बाद भी मिल प्रबंधन ने सुधार नहीं किया। जिसके चलते सबसे पहले चार जनवरी को जेपीएन शुगर बायोफ्यूल्स के प्रधान प्रबंधक अमर शर्मा के खिलाफ पीलीभीत जिले के अमरिया थाने में इसी आरोप में रिपोर्ट कराई गई थी। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि गन्ना क्रय अधिनियम के मुताबिक चीनी मिल क्षेत्र का गन्ना दूसरी चीनी मिल को नहीं भेजा जा सकता है। इसके बाद भी जेपीएन शुगर बायोफ्यूल्स के कुछ अधिकारी गन्ना माफिया से सांठगांठ कर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर गन्ना खरीदकर सितारगंज ले जाते थे। इसीलिए दो मामले दर्ज कराए जा चुके हैं। उन्होंने सुधार न होने पर और भी कार्रवाई की चेतवानी दी।

यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर के गांवों में लगे सीसीटीवी कैमरे
बरेली के जिला गन्ना अधिकारी ने मीडिया को बताया कि गन्ने का अवैध परिवहन रोकने को यूपी और उत्तराखंड के गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसमें सिरसा,शेरगढ़, नदेली चौराहा और नानकपुर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे पता चल सकेगा कि किस नंबर के वाहन से कहां गन्ना भेजा गया। वाहन संख्या के हिसाब से पर्ची से मिलान किया जाएगा। मिलान नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। कैमरों के साथ कर्मचारी भी लगाए गए हैं। समितियों के सचिव भी इसकी निगरानी करेंगे और अधिकारियों को बताएंगे। इसके अलावा किसानों की समस्याओं को देखकर जिला प्रशासन ने मिल प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय किसानों के गन्ने की खरीद प्राथमिकता के आधार पर करें और समय पर भुगतान करें। इसके अलावा मिल में बाहरी क्षेत्रों से गन्ना लाने पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश भी जारी किए गए हैं।र्रवाई के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पुलिस की तत्परता और सूझबूझ से इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।  

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