झांसी मेट्रो प्रोजेक्ट बजट की कमी के चलते पिछले एक साल से अटका हुआ है। डीपीआर समेत 1.80 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन 2600 करोड़ रुपये के भारी बजट की जरूरत इसे जमीन पर नहीं उतरने दे रही। क्या बीडा और डिफेंस कॉरिडोर से मिलेगी नई उम्मीद?
झांसी मेट्रो प्रोजेक्ट : बजट की कमी से अधर में लटका सपना, 2600 करोड़ की जरूरत
Jan 09, 2025 07:10
Jan 09, 2025 07:10
तीन साल पहले शुरू हुई थी योजना
महानगर में सिटी ट्रांसपोर्ट को आधुनिक और सुलभ बनाने के लिए करीब तीन साल पहले मेट्रो प्रोजेक्ट की योजना शुरू हुई थी। उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद झांसी विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इस पर तेजी दिखाते हुए राइट्स कंपनी को डीपीआर तैयार करने का कार्य सौंपा।
राइट्स कंपनी ने झांसी की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए 20 किलोमीटर लंबे लाइट मेट्रो रूट का प्रस्ताव दिया। इसमें पहला रूट 12 किलोमीटर और दूसरा रूट 8 किलोमीटर लंबा तय हुआ। कुल प्रोजेक्ट की लागत का अनुमान 2600 करोड़ रुपये लगाया गया, लेकिन बजट की अनुपलब्धता के कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका।
डीपीआर पर खर्च, लेकिन प्रोजेक्ट अधर में
झांसी मेट्रो प्रोजेक्ट पर अब तक करीब 1.80 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। बावजूद इसके, योजना का कोई ठोस भविष्य नहीं दिख रहा है। जेडीए के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक शासन से बजट को मंजूरी नहीं मिलती, प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना संभव नहीं है।
बीडा और डिफेंस कॉरिडोर से उम्मीदें
झांसी में बीडा और डिफेंस कॉरिडोर के विकास कार्यों से मेट्रो प्रोजेक्ट के पुनः गति पकड़ने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। बीडा के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में महानगर के ट्रांसपोर्ट को तेज और सुगम बनाना अनिवार्य होगा, जिसमें मेट्रो की भूमिका अहम होगी। जैसे ही बीडा की बसावट शुरू होगी, मेट्रो प्रोजेक्ट के काम को भी आगे बढ़ाए जाने की उम्मीद की जा रही है।
क्या होगा आगे?
झांसी मेट्रो प्रोजेक्ट के अधूरे रहने से स्थानीय निवासियों के बीच निराशा बढ़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि बजट को लेकर राज्य सरकार के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। मेट्रो के लिए जरूरी वित्तीय सहायता मिलने पर ही यह योजना धरातल पर उतारी जा सकेगी।
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