ईद मिलादुन्नबी : पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर बरेली में उत्साह, सजीं रंग-बिरंगी लाइटें

पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर बरेली में उत्साह, सजीं रंग-बिरंगी लाइटें
UPT | बरेली।

Sep 17, 2024 00:18

दुनियाभर के मुसलमानों के लिए ईद मिलादुन्नबी एक खास और पवित्र दिन है। यह दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है...

Sep 17, 2024 00:18

Bareilly News : दुनियाभर के मुसलमानों के लिए ईद मिलादुन्नबी एक खास और पवित्र दिन है। यह दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें इस्लामी दुनिया में मार्गदर्शक और मानवता के उद्धारकर्ता के रूप में माना जाता है। इस्लामिक इतिहास के अनुसार, हजरत मुहम्मद साहब को अल्लाह ने इसी मुबारक महीने में दुनिया को अज्ञानता और बुराई के अंधकार से बाहर निकालने के लिए भेजा था। उन्होंने पूरी दुनिया को शांति और समर्पण का संदेश दिया। उनके जैसा कोई नहीं था और न ही कोई भविष्य में आएगा। मुसलमान उनके जन्मदिन को ईद मिलादुन्नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते हैं। इसे ‘ईदों की ईद’ भी कहा जाता है।

ईद मिलादुन्नबी का महत्त्व
ईद मिलादुन्नबी इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को मनाई जाती है। इस दिन को पैगंबर साहब के जीवन और उनके आदर्शों को याद करने का दिन माना जाता है। पैगंबर साहब ने न सिर्फ इस्लाम धर्म की स्थापना की, बल्कि मानवता के लिए एक आदर्श जीवन जीने का संदेश भी दिया। उनके जीवन के आदर्शों को समझने और उनका अनुसरण करने के लिए दुनिया भर के मुसलमान इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। इसी पावन अवसर पर बरेली शहर को भी रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। शहर के प्रमुख मार्गों, घरों और जुलूस के रास्तों को कई दिन पहले से सजाया गया है ताकि इस उत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सके।



मक्का में हुआ पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म
पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म 571 ईसवी में सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह तीसरे महीने रबी उल अव्वल की 12 तारीख थी। इस्लामिक परंपराओं के अनुसार, अल्लाह ने उन्हें इंसानियत को राह दिखाने के लिए भेजा था। मक्का की पहाड़ी पर स्थित गार-ए-हिरा नामक गुफा में फरिश्तों के सरदार जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने उन्हें अल्लाह का संदेश सुनाया था, जिसे 'वही' कहा जाता है। इसी के बाद से उन्होंने इस्लाम धर्म की स्थापना की, जो बाद में पूरी दुनिया में फैला और आज भी सबसे बड़ा धर्म है। 

पैगंबर मुहम्मद साहब पर लिखी गईं लाखों किताबें
पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की जीवन गाथा (शीरत) पर दुनिया भर के उलमा और विद्वानों ने लाखों किताबें लिखी हैं। वे न केवल इस्लाम के आखिरी नबी थे, बल्कि अपने समय के सबसे प्रभावशाली और आदर्श व्यक्ति भी थे। अमेरिकी इतिहासकार डॉ. माइकल एच हार्ट ने 1978 में प्रकाशित अपनी प्रसिद्ध किताब *दुनिया के इतिहास में 100 सबसे प्रभावशाली लोग* में हजरत मुहम्मद साहब को प्रथम स्थान पर रखा था। इस किताब में डॉ. हार्ट ने उन्हें दुनिया का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बताया था। इस किताब की 50 लाख प्रतियां बिकीं और इसका अनुवाद 15 से अधिक भाषाओं में किया गया।

बरेली में उत्साह का माहौल
ईद मिलादुन्नबी के इस पावन अवसर पर बरेली शहर में उत्साह का माहौल है। शहर की प्रमुख सड़कों को सजाया गया है और लोग बड़े हर्षोल्लास से इस त्योहार को मना रहे हैं। घरों और मस्जिदों में विशेष दुआएं की जा रही हैं और पैगंबर साहब के जीवन से जुड़े संदेशों को साझा किया जा रहा है।

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