बरेली देहात की फरीदपुर कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर रामसेवक की पुलिस विभाग से सेवाएं समाप्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। बताया जाता है कि एसएसपी अनुराग आर्य ने सस्पेंड इंस्पेक्टर की संपत्ति की जांच के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है।
फरीदपुर थाने के पूर्व इंस्पेक्टर की सेवा समाप्त करने की तैयारी : आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसना तय
Aug 27, 2024 01:25
Aug 27, 2024 01:25
यह भी लगा आरोप
फरीदपुर कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर के भ्रष्टाचार के मुकदमे में फंसने के बाद तमाम आरोप लगने लगे हैं। फरीदपुर के मोहल्ला मिर्धान के एकतानगर कॉलोनी निवासी शहाबुद्दीन का आरोप है कि एक अगस्त को पड़ोसियो ने उनकी वृद्ध मां की ईंट मारकर हत्या कर दी। मां को बचाने पहुंचे शहाबुद्दीन और उनके भाई को पीटा। इससे दोनों भाइयों के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उन्होंने पड़ोस के आरिफ और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस आरिफ को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पीड़ित शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर ने आरोपियों से चार लाख रुपये की रिश्वत लेकर गिरफ्तारी नहीं की। इसके साथ ही मुकदमे को भी गैर इरादतन हत्या में दर्ज किया। इसके साथ ही अन्य आरोप भी लग रहे हैं।
सरकारी आवास से 9.84 लाख की बरामदगी
इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक पर तैनाती के दौरान 21 अगस्त की रात कोतवाली थाना क्षेत्र के नवदिया गांव से अशोक निवासी आलम, नियाज अहमद और अशनूर को गिरफ्तार कर थाने बुलाया था। आरोप है कि रात में ही सात लाख रुपये लेकर आलम और नियाज को छोड़ दिया। इसके साथ ही अशनूर को हवालात में बंद कर दिया। मामला खुलने पर 22 अगस्त को एसपी साउथ मानुष पारीक और सीओ गौरव सिंह ने थाने में छापा मार था। इस पर इंस्पेक्टर दीवार फांदकर फरार हो गए। अफसरों की तलाशी में इंस्पेक्टर के कमरे से करीब दस लाख रुपये मिले। इस मामले में फरीदपुर कोतवाली में ही इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर सस्पेंड किया गया था।
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