शाहजहांपुर के सदर बाजार क्षेत्र में सोमवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। रोडवेज बस के कंडक्टर 35 वर्षीय कारिंदर सिंह का शव उनके किराए के मकान में फंदे से लटका हुआ पाया गया।
शाहजहांपुर में रोडवेज बस कंडक्टर ने की आत्महत्या : किराए के मकान में फंदे से लटका मिला शव, इटावा के निवासी थे कारिंदर सिंह
Nov 18, 2024 18:02
Nov 18, 2024 18:02
कमरे में फंदे से लटका मिला शव
कारिंदर सिंह, जो शाहजहांपुर में जलाल नगर इलाके में किराए के मकान में रह रहे थे, रविवार रात से अपने कमरे में बंद थे। सोमवार सुबह जब मकान मालिक ने देखा कि कारिंदर अपने कमरे से बाहर नहीं आए हैं, तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने तुरंत पुलिस और रोडवेज विभाग को सूचना दी।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बरामद किया शव
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजे को तोड़ा। अंदर जाने पर, पुलिस ने पाया कि कारिंदर का शव फंदे से लटका हुआ है। घटना स्थल पर पुलिस की फील्ड यूनिट को बुलाया गया और जरूरी साक्ष्य एकत्रित किए गए। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है, ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।
आधार कार्ड से हुई पहचान, परिजनों को दी गई सूचना
पुलिस ने कमरे में मिले आधार कार्ड की मदद से मृतक की पहचान कारिंदर सिंह के रूप में की। पहचान होने के बाद, पुलिस ने इटावा में उनके परिजनों को घटना की सूचना दी। जानकारी मिलने के बाद, परिजन शाहजहांपुर के लिए रवाना हो गए हैं। इस घटना से कारिंदर के परिवार और साथी कर्मचारियों में शोक का माहौल है।
आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी पुलिस
सीओ सिटी पंकज पंत ने बताया कि घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दे दी गई है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। कारिंदर की मौत के बाद उनके साथी कर्मचारियों में भी उदासी छाई हुई है, और सभी यह जानने के लिए चिंतित हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह रही जिससे कारिंदर ने यह कठोर कदम उठाया।
समाज के लिए एक गंभीर संदेश
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव की समस्याओं को उजागर करती है। आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले सहायता और परामर्श लेना बेहद महत्वपूर्ण है। इस मामले में पुलिस की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कारिंदर सिंह ने आत्महत्या क्यों की, लेकिन यह घटना हर व्यक्ति के लिए एक संदेश है कि मानसिक परेशानी को नजरअंदाज न करें और समय पर मदद लें।