अवधेश वर्मा ने यूपीएसएलडीसी की दैनिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन केवल 18 घंटे 32 मिनट बिजली की आपूर्ति हो रही है। सोमवार को शॉर्ट और लॉन्ग पीरियड के दौरान कुल 15 उत्पादन इकाइयों को बंद कर दिया गया था, जिनमें से आठ इकाइयों की कुल उत्पादन क्षमता 1,815 मेगावाट है।
ग्रामीण क्षेत्रों को अब 24 के बजाय फिर 18 घंटे बिजली आपूर्ति : उपभोक्ता परिषद ने आठ उत्पादन इकाइयों को बंद करने पर उठाए सवाल
Nov 18, 2024 20:24
Nov 18, 2024 20:24
उत्पादन इकाइयों का बंद होना गंभीर मामला
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि राज्य की आठ उत्पादन इकाइयों को लो डिमांड के कारण बंद कर दिया गया है। यह उत्पादन इकाइयां कुल 1,815 मेगावाट की क्षमता रखती हैं। यह निर्णय चौंकाने वाला है क्योंकि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाइयां इसलिए स्थापित की जाती हैं ताकि राज्य के निवासियों को पर्याप्त बिजली मिल सके, लेकिन वर्तमान स्थिति में इन इकाइयों का बंद होना अन्यायपूर्ण है।
रिपोर्ट से स्थिति का खुलासा
अवधेश वर्मा ने यूपीएसएलडीसी की दैनिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन केवल 18 घंटे 32 मिनट बिजली की आपूर्ति हो रही है। सोमवार को शॉर्ट और लॉन्ग पीरियड के दौरान कुल 15 उत्पादन इकाइयों को बंद कर दिया गया था, जिनमें से आठ इकाइयों की कुल उत्पादन क्षमता 1,815 मेगावाट है। ये इकाइयां अधिकतर 30 नवंबर तक बंद रहेंगी। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली दी जाए, तो इन इकाइयों की आवश्यकता स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी और वे चालू की जा सकेंगी।
उपभोक्ता अधिकार कानून का उल्लंघन
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 के अनुसार, सभी को 24 घंटे बिजली आपूर्ति का अधिकार है। ऐसे में उत्पादन इकाइयों को लो डिमांड के चलते बंद रखना उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि जब 24 घंटे विद्युत आपूर्ति नहीं दी जाएगी तो लो डिमांड होना स्वाभाविक है। किसी भी राज्य में उत्पादन इकाई इसलिए लगाई जाती है कि उस राज्य की जनता को ज्यादा से ज्यादा विद्युत आपूर्ति की जाए। वर्तमान में प्रदेश में उत्पादन की उपलब्धता होते हुए भी आठ उत्पादन इकाइयों को लो डिमांड में बंद किया जाना उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है।
उत्पादन इकाइयों को तुरंत चालू करने की मांग
वर्मा ने मांग की है कि राज्य में बंद की गई आठ उत्पादन इकाइयों को तुरंत चालू किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति पुनः शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाइयों पर फिक्स कास्ट का खर्चा उपभोक्ताओं को बिजली दरों में चुकाना पड़ता है, इसलिए उपभोक्ताओं को इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।
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