सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : ईद से पहले मौलाना तौकीर रजा खां को बड़ी राहत, सेशन कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, जानें मामला ...

ईद से पहले मौलाना तौकीर रजा खां को बड़ी राहत, सेशन कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, जानें मामला ...
UPT | ईद से पहले मौलाना तौकीर रजा खां को बड़ी राहत

Apr 10, 2024 17:51

बरेली के एडीजे फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने कुछ दिन पहले मौलाना तौकीर रजा खां को बरेली के 2010 दंगे का मास्टरमाइंड बताते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया था...

Apr 10, 2024 17:51

Short Highlights
  • मौलाना तौकीर रजा खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली
  • मौलाना अपने परिवार और करीबियों के साथ ईद का त्योहार मना सकेंगे
  • सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार और पुलिस को नोटिस भेज जवाब मांगा
Bareilly News : ईद से पहले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। मौलाना के अधिवक्ता ऐश्वर्य पाठक,असद अल्वी और रजनीश त्यागी की पैरवी के चलते सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने बरेली के सेशन कोर्ट के आदेश पर स्टे देकर नोटिस जारी किया है। इससे मौलाना अपने परिवार और करीबियों के साथ ईद का त्योहार मना सकेंगे। अधिवक्ता असद अल्वी ने बताया कि सेशन कोर्ट की प्रोसिडिंग पर स्टे हो गया है। सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार और पुलिस को नोटिस भेज जवाब मांगा है। नोटिस का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई होगी।

एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने माना था मास्टरमाइंड
बरेली के एडीजे फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने कुछ दिन पहले मौलाना तौकीर रजा खां को बरेली के 2010 दंगे का मास्टरमाइंड बताते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया था। यह मामला बाद में जिला जज की अदालत में स्थानांतरित (ट्रांसफर) हो गया था। हाईकोर्ट ने मौलाना को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए थे,लेकिन वह बीमारी के चलते हाजिर नहीं हुए, तो पिछले दिनों कोर्ट ने मौलाना समेत चार आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

एक महीने से मौलाना बीमार
पिछले दिनों अचानक ही मौलाना की तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे। कोर्ट ने पिछली तिथि पर धारा 82 के तहत भगोडा घोषित किया। पुलिस ने धारा 82 की कार्रवाई का नोटिस उनके घर पर चस्पा कर दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने मौलाना को बरेली के जिला न्यायालय (डीजे कोर्ट) में सरेंडर करने के आदेश दिए थे। मगर,तबीयत बिगड़ने के कारण पेश नहीं हो सके। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कोर्ट के आदेश का पालन कराने का आदेश दिया था।

20 अप्रैल को होना था पेश
जिला न्यायालय ने पिछली तारीख पर आदेश दिया कि 20 अप्रैल तक मौलाना को कोर्ट में पेश किया जाए, तो वहीं दंगों से जुड़े 39 लोग कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने दंगों के मामले में मौलाना के अलावा 5 अन्य के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

खानदान आला हजरत परिवार से मौलाना तौकीर रजा
सुन्नी मुसलमानों के बरेलवी मसलक से ताल्लुक रखने वाले मौलाना तौकीर रजा खां आला हजरत खानदान से हैं। वह आला हजरत दरगाह के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां उर्फ सुब्हानी मियां के सगे भाई हैं। इनके भतीजे मुफ्ती अहसन रजा खां दरगाह के सज्जादानशीन हैं। तौकीर रजा राजनीति में भी आ चुके हैं। इनके पिता हजरत रेहान खां कांग्रेस से एमएलसी रहे हैं।

यूपी सरकार में थे राज्यमंत्री
मौलाना तौकीर ने साल 2000 में राजनीतिक दल इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल की स्थापना की थी। शुरुआत में नगर निगम चुनाव में पूरे जिले में प्रत्याशी उतारे, और 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2009 में मौलाना कांग्रेस में चले गए। उनके समर्थन से बरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया। मगर,वर्ष 2010 में बरेली के दंगों में मौलाना के खिलाफ साजिश रची गई। यह बात मौलाना कहते हैं। मगर, दंगों में पुलिस ने तौकीर रजा को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें 169 की कार्रवाई में रिहा किया गया। 2012 में तौकीर रजा सपा में चले गए, तो वहीं इनकी पार्टी के टिकट पर 2012 में शहजिल इस्लाम ने बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट पर चुनाव जीता। सपा ने मौलाना तौकीर रजा को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी बनाया था, लेकिन कुछ महीने बाद मुजफ्फरनगर दंगे हो गए, और उन्होंने राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया। वह कई बार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से भी मिले। इसके बाद बसपा में जाने की चर्चाएं भी रहीं। 2015 में उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जदीद) का गठन किया।

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