हर्रैया तहसील में एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात फर्जी प्रधानाध्यापक का मामला सामने आया है। विभागीय जांच के दौरान इस शख्स की पहचान फर्जी शिक्षक के रूप में हुई...
बस्ती में फर्जी प्रधानाध्यापक का पर्दाफाश : 14 साल से ले रहा था वेतन, विभाग ने की कार्रवाई
Nov 13, 2024 01:02
Nov 13, 2024 01:02
- फर्जी प्रधानाध्यापक का भंडाफोड़
- विभाग में जांच का आदेश
- 14 साल से वेतन ले रहा था
फर्जी दस्तावेज दिखाकर बना सहायक अध्यापक
दरअसल, यह मामला 2010 का है, जब एक व्यक्ति ने खुद को रामजी सिंह बताकर सहायक अध्यापक के पद पर चयनित करवा लिया। इस व्यक्ति ने अपने सभी दस्तावेज़ रामजी सिंह के नाम से विभाग में जमा कर दिए थे। इसके बाद यह व्यक्ति लगातार 14 वर्षों तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करता रहा। वर्तमान में वह मुकुंदपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था।
जांच में हुआ खुलासा
जब विभागीय जांच शुरू हुई, तो यह खुलासा हुआ कि प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात व्यक्ति असली रामजी सिंह नहीं था। असल में, रामजी सिंह नामक व्यक्ति जनपद चंदौली का निवासी है और वह एक प्राइवेट नौकरी करता है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फर्जी शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
विभागीय अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और अब जालसाज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है। बीएस अनूप कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा और उसकी वेतन की रिकवरी भी की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अगर विभाग में अन्य कोई संदिग्ध शिक्षक पाया जाता है, तो उसकी गोपनीय तरीके से शिकायत की जाए और फिर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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