निरीक्षण के दौरान डीएम ने वादों के निस्तारण में कमी को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 5 साल से अधिक समय से लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र सुनवाई की जाए। डीएम ने सभी तहसीलदारों को यह आदेश दिया कि वे प्रतिदिन…
डीएम का तहसील कोर्ट निरीक्षण : लंबित प्रकरणों के निस्तारण में सख्त निर्देश और नाराजगी का इजहार, जानें क्या हुई कार्रवाई
Sep 21, 2024 14:42
Sep 21, 2024 14:42
लंबित प्रकरणों पर नाराजगी
निरीक्षण के दौरान डीएम ने वादों के निस्तारण में कमी को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 5 साल से अधिक समय से लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र सुनवाई की जाए। डीएम ने सभी तहसीलदारों को यह आदेश दिया कि वे प्रतिदिन कम से कम 50 प्रकरणों की सुनवाई करें और निस्तारण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करें।
सुनवाई की संख्या
डीएम ने यह भी कहा कि निस्तारण हुए वादों की रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी को समय-समय पर उपलब्ध कराई जाए। उपजिलाधिकारी नौगढ़ को 15 दिनों के भीतर इस निरीक्षण की स्थिति की जानकारी देने की सलाह दी गई। उन्होंने अपेक्षा की कि एक माह के भीतर वादों के निस्तारण में सुधार लाया जाएगा।
निस्तारण की गुणवत्ता
इस निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी नौगढ़ डॉ. ललित मिश्रा, तहसीलदार संतराज और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। डीएम के सख्त निर्देशों के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि लंबित प्रकरणों का निस्तारण जल्द ही किया जाएगा, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और लोगों को समय पर न्याय मिल सकेगा। यह कदम प्रशासन की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को दर्शाता है, और डीएम के प्रयासों से नागरिकों में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ने की संभावना है।
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