शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ : दुल्हन बनकर आई लड़की समेत चार गिरफ्तार

दुल्हन बनकर आई लड़की समेत चार गिरफ्तार
UPT | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

Dec 25, 2024 00:09

बांदा जिले में शादी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय था। यह गिरोह शादी में बाधाओं का सामना कर रहे युवकों को निशाना बनाता था। शादी तय होने पर कपड़े और गहनों के बहाने नकदी वसूलता, फिर दुल्हन गहने-नकदी लेकर फरार हो जाती थी।

Dec 25, 2024 00:09

Banda News : उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में शादी के नाम पर ठगी करने वाला एक गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। यह गिरोह शादी योग्य युवकों को अपना शिकार बनाता था, खासतौर पर उन लोगों को जिनकी शादी में बाधाएं आ रही थीं। गिरोह के सदस्य दूसरे जिलों से युवकों को बांदा बुलाते थे और शादी योग्य लड़की से मिलवाने का नाटक करते थे। शादी से पहले कपड़े और गहने खरीदने के बहाने नकद धनराशि ली जाती थी। शादी होने के बाद दुल्हन कुछ दिनों तक ससुराल में रहती और फिर घर से गहने और नकदी लेकर फरार हो जाती।



पुलिस की कार्रवाई
बांदा जिले के थाना कोतवाली देहात पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन चारों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड और 5000 रुपये नकद बरामद हुए हैं। शंकर उपाध्याय निवासी जमालपुर ने पुलिस को तहरीर देकर इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की। मुखबिर की सूचना पर महोखर चौराहे से गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अविवाहित पुरुषों को अपने निशाने पर लेते थे और उन्हें शादी का झांसा देकर ठगते थे।

शंकर उपाध्याय का अनुभव
गिरोह ने शंकर उपाध्याय को भी अपने जाल में फंसाने की कोशिश की। गिरोह की सदस्य संजना गुप्ता ने खुद को लड़की की मां बताया और ज्योति नामक युवती को शादी योग्य लड़की के रूप में पेश किया। शादी से पहले कपड़े और गहने खरीदने के नाम पर एडवांस धनराशि मांगी गई। हालांकि, शंकर उपाध्याय ने 5000 रुपये देने के बाद पुलिस को सूचना दे दी, जिससे समय रहते गिरोह को पकड़ा जा सका।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल लोग 
संजना गुप्ता गिरोह की मुख्य सदस्य है। वह कानपुर निवासी है। ज्योति शादी योग्य लड़की के रूप में पेश की जाने वाली युवती है। वह  जालौन की रहने वाली है। वहीं बांदा निवासी विमलेश वर्मा व कानपुर का रहने वाला धर्मेंद्र प्रजापति गिरोह में शामिल हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह की महिला सदस्य संजना गुप्ता पहले भी कानपुर में इसी तरह की ठगी के मामले में पकड़ी जा चुकी है।

पहले भी दर्ज हैं मुकदमे 
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ अतर्रा और बदौसा थानों में भी ठगी के मामले दर्ज हैं। थानाध्यक्ष कोतवाली देहात आनंद कुमार ने बताया कि गिरोह में कई अन्य महिलाएं भी शामिल हैं। इन महिलाओं का मुख्य काम शादी के बाद ससुराल से गहने और नकदी चुराना था। अन्य सदस्यों की पहचान कर उनकी तलाश के लिए पुलिस जांच तेज कर रही है।

गिरोह के कारण समाज में अविश्वास 
इस प्रकार की ठगी समाज में अविवाहित युवकों और उनके परिवारों के बीच डर और अविश्वास पैदा करती है। शादी जैसे पवित्र रिश्ते का गलत उपयोग कर यह गिरोह लोगों की भावनाओं और आर्थिक स्थिति को चोट पहुंचा रहा था।

पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि शादी जैसे मामलों में किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन से पहले सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। शादी से संबंधित मामलों में पूरी जांच-पड़ताल करने के बाद ही किसी पर विश्वास करें। बांदा जिले में शादी के नाम पर लूटपाट करने वाले गिरोह की गिरफ्तारी पुलिस की एक बड़ी सफलता है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की ठगी से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, बल्कि समाज में न्याय और सुरक्षा का संदेश भी दिया है। 

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