युवक की हत्या उसके ही दोस्त ने की थी। दोस्त ने पहले मृतक को फोन कर बुलाया फिर सभी ने साथ बैठकर शराब ली। जब मृतक शराब के अत्याधिक नशे में हो गया तो आरोपी ने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर तार से...
Gonda News : सूरज हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, उधार पैसे को लेकर दोस्त ने की हत्या
Jun 01, 2024 01:01
Jun 01, 2024 01:01
- सूरज का बचपन का दोस्त था राम नेवटिया
- करीब 65 हजार रुपये दिया था उधार
क्या है पूरा मामला
शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने इस इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए पूरी वारदात की सिलसिलेवार जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, मृतक सूरज शहर के बड़े गल्ला व्यापारी धर्म प्रकाश का बेटा था। वह ब्याज पर रुपये देने का काम करता था। जिस किसी को वह रुपये देता था उससे ब्याज के तौर पर मोटी रकम वसूलता था। उस भारी भरकम ब्याज से पैसा लेने वाला कभी उबर नहीं पाता था। राम नेवटिया जो उसके बचपन का दोस्त था उसने भी अपना कारोबार करने सूरज से पैसे लिए थे लेकिन वापस नहीं कर सका था, सूरज अपना पैसा वापस मांग रहा था।
लापता होने की रिपोर्ट लिखवाने कोतवाली पहुंचे थे परिजन
दरअसल, नगर कोतवाली क्षेत्र के लालपुर चंद्रभान गांव में सम्मय माता मंदिर जाने वाली सड़क के किनारे 28 मई की सुबह एक युवक का शव पड़ा मिला था। शव मिलने की सूचना से इलाके में सनसनी फैल गयी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस, फारेंसिक व डॉग स्क्वायड की टीमों ने घटना की पड़ताल की थी, लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। दूसरे दिन 29 मई को गल्ला कारोबारी धर्म प्रकाश जब अपने बेटे के लापता होने की रिपोर्ट लिखाने कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने उन्हे मृतक की फोटो दिखाई। इसके बाद उसकी पहचान सूरज गुप्ता के रूप में हुई। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि धर्म प्रकाश की तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन इस ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस के पास कोई सूत्र नहीं था जिससे हत्यारोपियों तक पहुंचा जा सके।
सूरज के व्यवहार से थे परेशान दोनों
वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के रानी बाजार का रहने वाला मृतक सूरज गुप्ता की दोस्ती इसी मोहल्ले के राम नेवटिया से थी। सूरज गुप्ता ने राम नेवटिया को करीब 65 हजार रुपये उधार दे रखे थे लेकिन राम नेवटिया पैसे वापस नहीं कर रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कुछ दिन पहले विवाद भी हुआ था । सूरज अपने पैसे के लिए लगातार राम नेवटिया से टोकाटाकी कर रहा था। राम नेवटिया सूरज के इस व्यवहार से परेशान था। सूरज से छुटकारा पाने के लिए राम नेवटिया ने उसे रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया और इस प्लान में अपने पिता की दुकान पर काम करने वाले शिवा कनौजिया को भी शामिल किया।
सूरज को फोन कर बुलाया
मंगलवार की शाम को राम नेवटिया ने फोन कर सूरज गुप्ता को बुलाया। फिर तीनों राम नेवटिया की कार पर बैठकर पोर्टरगंज की तरफ गए। वहां एक दुकान पर तीनों ने बीयर पी। जब सूरज पूरी तरह से नशे में हो गया तो कार के भीतर ही राम नेवटिया ने उसका मुंह और नाक पकड़कर दबा लिया। पीछे से शिवा कनौजिया ने तार से उसका गला कसकर दबा लिया राम नेवटिया और शिवा की पकड़ से छूटने के लिए सूरज करीब पांच मिनट तक संघर्ष करता रहा। इसके बाद शांत पड़ गया आरोपियों ने जब सूरज के नाक से खून निकलता देखा तो उन्हे उसकी मौत का भरोसा हो गया। सूरज की हत्या करने के बाद दोनो आरोपी कार को कुछ देर तक इधर उधर घुमाते रहे, फिर लालपुर चंद्रभान गांव के समीप ले जाकर सड़क किनारे लगे कंटीले तार के दूसरी तरफ सूरज का शव फेंक दिया और चले गए। मृतक सूरज के आंख पर जो चोट लगी थी वह उसे कार से उतारते समय जमीन पर घसीटे जाने से लगी थी।
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