भेड़िए के आतंक के बाद अब बहराइच के कुछ इलाकों में बंदरों का आतंक हावी हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों ने कई पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर हमला किया है...
बहराइच में बंदरों का आतंक : ग्रामीणों की बढ़ी चिंताएं, जिलाधिकारी से मदद की अपील
Sep 25, 2024 16:45
Sep 25, 2024 16:45
बंदरों का आतंक
गांव में दिन-रात बंदरों का उत्पात जारी है। अक्सर ये बंदर छोटे बच्चों को पकड़ने का प्रयास करते हैं, उनके कपड़े फाड़ देते हैं और कभी-कभी तो लोगों से सामान छीनने की कोशिश भी करते हैं। इस स्थिति के कारण, ग्रामीणों ने कई प्रकार की फसलें जैसे कद्दू, लौकी, मक्का, अमरुद और केला उगाना बंद कर दिया है। महिलाएं खाना बनाते समय भी बंदरों के आतंक से परेशान हैं, जबकि बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं।
खुले में खाना खाना मुश्किल
गांव के पूर्व प्रधान के घर को अब "बंदरों की हवेली" के नाम से जाना जाता है। कैराती परिवार ने इस हवेली को बंदरों के आतंक के चलते कई साल पहले छोड़ दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर न केवल उनके जीवन को कठिन बना रहे हैं, बल्कि उनके खाने-पीने के सामान को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। खुली जगहों पर खाने का प्रयास करने पर बंदर उन्हें हाथ से छीन लेते हैं, जिससे लोग और भी चिंतित हैं।
जिलाधिकारी से मदद की अपील
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से प्रार्थना पत्र देकर बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उनके जीवन पर इसका और भी बुरा असर पड़ेगा। बंदरों की इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण फिर से सामान्य जीवन जी सकें।
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