बहराइच जिले को नेपाल के पहाड़ी नालों और नदियों के उफान की वजह से हर साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है। इससे उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो जाती है और लोगों के घर भी उजड़ जाते हैं...
आसमान से आफत : नेपाल में भारी बारिश से भारत में बाढ़ का खतरा, अफसरों ने निगरानी बढ़ाई
Jun 28, 2024 14:27
Jun 28, 2024 14:27
- बाढ़ से बचाव की तैयारी में जिले में अभी भी कठिनाई
- तटबंधों को मजबूत करने का हो रहा काम
तटबंधों को मजबूत करने का हो रहा काम
संभावित बाढ़ को देखते हुए तटबंधों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। अफसरों की टीम लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। और वहां की व्यवस्थाओं पर नजर बनाई हुई है। तहसील क्षेत्र में नेपाल के पहाड़ों से आने वाले नाले और नदियों का पानी सबसे पहले तबाही मचाता है। यहां की दो लाख की आबादी बाढ़ के कहर से प्रभावित है, और इसे रोकने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अभी तक बाढ़ से बचाव की तैयारी में सफलता नहीं मिली है।
इन गांवों में भीषण तबाही
घाघरा नदी के किनारे स्थित गांवों में भारी बाढ़ ने अवांछनीय हानि पहुंचाई है। विशुनापुर, फकीरपुरी, चहलवा, जंगल गुलरिहा, सुजौली, बडखडिया, महराज सिंह और सरयू नदी के किनारे स्थित इन गांवों में बाढ़ ने विशेष तबाही मचाई है। जिले की सरकारी और स्थानीय अधिकारियों को इस मुश्किल समय में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सहायता पहुंच सके और आने वाले खतरों से पहले तयारी हो सके।
सिंचाई विभाग ने किए करोड़ों रुपये खर्च
सिंचाई विभाग ने बाढ़ के प्रभावों को कम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन फिर भी बाढ़ को रोकने में सफल नहीं हो सके। गांवों में प्रभावित लोगों को बचाव के लिए नावें उपलब्ध कराई गई हैं, और गोपिया बैराज पर बाढ़ शिविर केंद्र भी स्थापित किया गया है। बीडीओ मिहीपुरवा के अजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस कठिनाई में सरकार ने गांवों में आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराई है। लोगों को बचाव के लिए सरकारी नीतियों का पालन करने में मदद मिल रही है, लेकिन बाढ़ की चुनौतियों से निपटना अभी भी मुश्किल साबित हो रहा है।
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