पकड़ी गई भेड़िया का रूप-रंग देखकर ही उसकी खूंखार होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। उसके मुंह और आंखों में खून के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। पकड़े जाने से कुछ समय पहले ही उसने किसी जानवर का शिकार किया था।
बहराइच के जंगलों में दहशत : मादा भेड़िया है बड़ी खूंखार, पिंजरे में कैद करने के लिए अपनाई ये रणनीति
Sep 11, 2024 16:25
Sep 11, 2024 16:25
चार साल की है पकड़ी गई भेड़िया
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह पकड़ी गई भेड़िया एक मादा है और उसकी उम्र लगभग चार साल है। इस भेड़िये को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक चतुर रणनीति अपनाई। उन्होंने इसे शिकार का लालच देकर फंसाया। जब भेड़िया शिकार के करीब आई, तब टीम ने उसे काबू कर लिया। ये आदमखोर भेड़िया हरबंसपुर गांव के नजदीक पकड़ी गई है। डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि पकड़ी गई भेड़िया मादा है और पूरी तरह से स्वस्थ है।
मुंह और आंखों में है खून के निशानBahraich : महसी तहसील में चल रहे 'ऑपरेशन भेड़िया' के तहत वन विभाग की टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने पांचवां आदमखोर भेड़िया पकड़ा है। यह पकड़ी गई भेड़िया एक मादा है और उसकी उम्र लगभग चार साल है। ये आदमखोर मादा भेड़िया हरबंसपुर गांव के नजदीक पकड़ी गई है।#Bahraich… pic.twitter.com/BuKYGMBylR
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) September 11, 2024
पकड़ी गई भेड़िया का रूप-रंग देखकर ही उसकी खूंखार होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। उसके मुंह और आंखों में खून के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पकड़े जाने से कुछ समय पहले ही उसने किसी जानवर का शिकार किया था। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह भेड़िया काफी भूखी थी, इसलिए वह लगातार शिकार की तलाश में थी। इस भेड़िये को पकड़ने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। लेकिन ग्रामीणों के मन में अभी भी डर बना हुआ है। उन्हें लगता है कि अभी भी कुछ खतरनाक भेड़िये जंगल में मौजूद हैं, जो कभी भी हमला कर सकते हैं।
तीन गांवों से मिली हमले की सूचना
इस घटना के बाद, मंगलवार की शाम को हरदी थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग गांवों से जानवरों के हमले की सूचना मिली। एक बालिका समेत तीन लोगों पर हमला हुआ था। इसमें पूरे सीताराम गांव निवासी बिंदा (11), हरदी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत टेपरी निवासी लल्ला (65), जंगलीपुरवा निवासी संगीता (35) ने भेड़िया द्वारा हमला करने की सूचना दी। हालांकि, वन विभाग ने इन हमलों को भेड़िये का काम नहीं माना है। उनका कहना है कि ये किसी दूसरे जानवर या नुकीली वस्तु से हुए घाव हो सकते हैं।
विभाग ने कहा- भेड़िये के पगमार्क नहीं मिले
वन विभाग के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर भेड़िये के पगमार्क नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा, "प्रथमदृष्टया यह भेड़िया के हमले नहीं लगते। हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।"
अब तक पकड़े गए पांच भेड़िये
वन विभाग ने बताया कि अब तक कुल पांच भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। इनमें से एक मादा भेड़िये की रेस्क्यू के बाद मौत हो गई थी। दो भेड़ियों को लखनऊ चिड़ियाघर भेजा गया है, जबकि एक गोरखपुर चिड़ियाघर में है। अब इस नए पकड़े गए भेड़िये को भी गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
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