बलरामपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी के खिलाफ वायरल हुई खबर ने स्वास्थ्य विभाग में हंगामा मचा दिया है। वायरल पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि CMO जानबूझकर कर्मियों को अनुपस्थित कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
आमने-सामने आए CMO और स्वास्थ्य कर्मचारी : जानबूझकर अनुपस्थित करने और जातिसूचक गालियां देने का लगा आरोप
Aug 20, 2024 21:21
Aug 20, 2024 21:21
- कर्मचारियों ने लगाए कई गंभीर आरोप
- CMO के खिलाफ कार्रवाई की मांग
- CMO ने आरोपों को बताया निराधार
CMO ने आरोपों को बताया निराधार
इस विवाद पर CMO डॉ. रस्तोगी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने वायरल पोस्ट को पूरी तरह से झूठा और उनके खिलाफ साजिश करार दिया है। डॉ. रस्तोगी का कहना है कि यह आरोप उन कर्मचारियों द्वारा लगाए गए हैं जो अपनी नाकामी और लापरवाही को छिपाने के लिए उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें उच्चाधिकारियों को लापरवाह कर्मियों की जानकारी देने के कारण ये झूठे आरोप झेलने पड़ रहे हैं। CMO ने इस स्थिति को उनकी छवि को धूमिल करने की एक सुनियोजित कोशिश बताया है।
कर्मचारियों ने लगाए कई गंभीर आरोप
वायरल पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि CMO के अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि डॉ. रस्तोगी कर्मचारियों को जातिगत गालियाँ दे रहे हैं और उनके कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि CMO ने फाइलों को लम्बित रखकर योजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित किया है, जिससे आम जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि CMO के तहत काम करना बहुत कठिन हो गया है और इसके कारण कई कर्मचारियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
सीएमओ बोले- अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त
डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि ये सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। उन्होंने दवा और ग्लव्स की व्यवस्था का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि उनके विभाग में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। CMO ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वे आरोपों को दबाने के लिए उनके खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से किसी भी प्रकार की समझौता नहीं होगा और ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
CMO के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस विवाद के बीच, सीएमओ कार्यालय के कर्मियों और अधिकारियों की ओर से प्रमुख सचिव चिकित्सा, अपर निदेशक स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल, और जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि अगर CMO के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसमें तीन अपर CMO, कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, और सीएमओ कार्यालय के 55 कर्मियों के हस्ताक्षर शामिल हैं। इस पत्र में CMO पर अपमानजनक व्यवहार, जातिगत गालियाँ, और फाइलों को जानबूझकर लम्बित रखने के आरोप लगाए गए हैं।
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