बलरामपुर जिले में गेंदा फूल, केला, मसूर दाल और तिन्नी का चावल अब देशभर में अपनी विशेष पहचान बनाने जा रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत इन कृषि उत्पादों का चयन किया गया है...
बदलता उत्तर प्रदेश : बलरामपुर की पहचान अब गेंदा, केला, मसूर दाल और तिन्नी चावल... बनेंगे जिले के प्रमुख उत्पाद
Nov 23, 2024 00:16
Nov 23, 2024 00:16
विशेष फसल को बढ़ावा दिया जाएगा
इस योजना का उद्देश्य बलरामपुर जिले को विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए एक अलग पहचान देना है। पहले चरण में जिले का चयन मुख्य रूप से मसूर दाल के लिए किया गया था, जो यहां के तराई क्षेत्र की उपज है। बलरामपुर में मसूर दाल की पांच प्रमुख किस्में उगाई जाती हैं, जिनकी गुणवत्ता इतनी उच्च है कि इन्हें न केवल प्रदेश के अन्य हिस्सों में बल्कि बंगाल और असम तक भेजा जाता है। इस सफल प्रयोग के बाद अब "एक ब्लॉक एक फसल" योजना भी लागू की गई है। जिससे प्रत्येक ब्लॉक में विशेष फसल को बढ़ावा दिया जाएगा।
ब्लॉक की बनेगी अलग पहचान
जिला उद्यान कार्यालय ने सभी ब्लॉकों में उत्पादित होने वाली फसलों की सूची शासन को भेज दी है। इस प्रक्रिया से प्रत्येक ब्लॉक की एक अलग पहचान बनेगी, जिससे किसानों को सीधे लाभ होगा। जिला उद्यान अधिकारी संतोष कुमार दूबे ने कहा कि इस पहल के माध्यम से हम किसानों को बेहतर आर्थिक स्थिति में लाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
किसानों को फसल का मिलेगा अच्छा मूल्य
इस नई योजना के तहत बलरामपुर जिले के किसान अब अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार में प्रस्तुत कर सकेंगे। जिससे उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलने की संभावना बढ़ गई है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी। इन चयनित फसलों को एक ब्रांड बनाने से न केवल इनकी बिक्री बढ़ेगी, बल्कि इससे संबंधित क्षेत्रों की पहचान भी प्रदेश और देश में बनेगी। यह किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि उनके उत्पाद अब एक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करेंगे।
चयनित फसलें और उनकी पहचान
- उतरौला ब्लॉक: टमाटर
- श्रीदत्तगंज: तिन्नी चावल
- बलरामपुर सदर: गेंदा फूल
- हरैया सतघरवा: मेंथा
- तुलसीपुर, गैसड़ी और पचपेड़वा: आम
- रेहरा बाजार और गैड़ास बुजुर्ग: केला