गोंडा जिले में 286 मकतब मदरसों और 19 अवैध मदरसों की फंडिंग की जांच अब उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा की जा रही है। दोनों एजेंसियां मिलकर इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही ...
गोंडा में मदरसा फंडिंग जांच : ATS और IB की संयुक्त कार्रवाई, 286 मकतब और 19 अवैध मदरसे चिह्नित
Nov 17, 2024 16:05
Nov 17, 2024 16:05
जिले में मदरसा फंडिंग की जांच तेज
इनमें मुस्लिम बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है। इन मदरसों में फंडिंग के स्रोत और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच की जा रही है जिनमें मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या, उनकी मान्यता, संचालित होने की अवधि और फंडिंग के स्रोतों की जानकारी शामिल है। एटीएस और आईबी अधिकारियों ने हाल ही में गोंडा के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय का दौरा किया और वहां से 286 मकतब और 19 अवैध मदरसों की सूची प्राप्त की। इसके बाद इन मदरसों में फंडिंग की जांच शुरू की गई। आईबी के अधिकारियों का ध्यान इस बात पर है कि मदरसों को चलाने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं, क्या यह चंदा है या किसी अन्य स्रोत से फंडिंग हो रही है। इसके अलावा यह भी जांचा जा रहा है कि ये मदरसे कितने सालों से चल रहे हैं, वहां कौन पढ़ाता है और वहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या क्या है।
286 मकतब और 19 अवैध मदरसे चिह्नित
गोंडा जिले में यह जांच शासन निर्देशों के तहत शुरू की गई है जो प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए थे। सरकार ने राज्य के 4000 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच के आदेश दिए थे। और इसके बाद गोंडा जिले में 286 मकतब और 19 अवैध मदरसों को चिह्नित किया गया। इन मदरसों की सूची यूपी एटीएस को दी गई थी जिन्होंने जांच शुरू की। अब आईबी को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है और उनकी टीम अब इन मदरसों के फंडिंग सहित अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। मकतब और मदरसा दोनों ही शिक्षा के स्थान हैं लेकिन इनमें अंतर है। जहां मकतब में बच्चों को सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जाती है और वे घर वापस चले जाते हैं वहीं मदरसे में बच्चों को रहकर शिक्षा दी जाती है जो धार्मिक के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं।
अधिकारी ने बताया जांच का उद्देश्य
गोंडा जिले के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि विभाग आईबी और एटीएस के अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। मदरसा संचालकों को भी जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी दस्तावेज़ ठीक से पेश किए जाएं और किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। जांच में यह देखा जाएगा कि इन मदरसों का संचालन कैसे हो रहा है यहां आने वाले बच्चों का पृष्ठभूमि क्या है और फंडिंग के स्रोत क्या हैं। इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए गोंडा प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं।
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