उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में एक मदरसे में नकली नोट छापने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मदरसा प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है...
मदरसे में चल रहा था नकली नोट छापने का धंधा : पुलिस ने प्रबंधक को किया गिरफ्तार, यूट्यूब से सीखा था अवैध काम
Jan 02, 2025 13:55
Jan 02, 2025 13:55
छापेमारी के दौरान ये बरामद
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने छापेमारी कर हरदत्त नगर गिरन्ट के लक्ष्मनपुर इलाके के एक मदरसे से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 34,500 रुपये के नकली नोट और 14,500 रुपये के असली नोट बरामद किए। इसके अलावा पुलिस ने एक प्रिंटर, दो लैपटॉप और इंक की बोतलें भी जब्त की। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तीन बहराइच जिले और दो श्रावस्ती जिले के निवासी थे।
मदरसे में मिली प्रिंटिंग मशीन
इस मामले की जांच कर रहे एसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि एक आरोपी को बहराइच से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास कुछ नकली नोट मिले थे, जिनकी निशानदेही पर चार अन्य आरोपियों को पकड़ा गया। इन आरोपियों के पास भी नकली नोट मिले। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मल्हीपुर की एक मस्जिद, मदरसा फजरुलनबी के प्रबंधक के पास एक कलरफुल प्रिंटिंग मशीन मिली, जिससे वह नकली नोट छापता था। रात के अंधेरे में गुटखा, सब्जी और जनरल स्टोर की दुकानों पर 100, 200 और 500 के नकली नोट चलाए जाते थे।
पांच बीवियों के जरिए कर रहा था व्यापार
एसपी ने आगे बताया कि मुबारक अली उर्फ नूरी इस गिरोह का सरगना है और उसकी पांच बीवियां हैं। वह अपनी बीवियों के माध्यम से नकली नोटों का व्यापार करता था। इनमें से एक बीवी गंगापुर के मदरसा फैजुर्रनबी में शिक्षिका है, जबकि दूसरी बीवी बहराइच शहर के जामिया नूरिया मस्जिद में पढ़ाती है। ये महिलाएं अलग-अलग स्थानों पर रहकर नकली नोटों को बाजार में खपाने का काम करती थीं।
पुलिस को मिली थी जानकारी
पुलिस को इस गिरोह के बारे में और जानकारी मिलते ही एक छापेमारी में एक कमरे में नकली नोट छापने की पूरी मशीन भी बरामद की गई। गैंग में शामिल अन्य लोग जमील अहमद, धर्मराज शुक्ला, रामसेवक और अवधेश कुमार पांडेय हैं। पुलिस ने बताया कि जमील अहमद पर पहले से दो आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि रामसेवक और अवधेश कुमार पर भी कई मामले दर्ज हैं। मुबारक अली पर गोंडा के खरगूपुर में भी एक आपराधिक मामला दर्ज है।
यूट्यूब से सीखी तकनीक
ASP प्रवीण कुमार यादव ने खुलासा किया कि मुबारक अली ने नकली नोट बनाने की तकनीक यूट्यूब से सीखी थी। नकली नोट बनाने में वे अच्छी क्वालिटी के कागज का इस्तेमाल करते थे और लैपटॉप-प्रिंटर की मदद से नोट छापते थे। इस गिरोह का मुख्य कार्य स्थान मदरसा था, जहां से नकली नोटों की छपाई की जाती थी। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि नूरी बाबा की दो बीवियों के बारे में जानकारी है। इनमें से एक बीवी मदरसे में पढ़ाती है, जबकि दूसरी घर में रहती है। बाकी तीन बीवियों के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। यह जानकारी स्थानीय लोगों से मिली।
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