DDU गोरखपुर के शिक्षकों पर कसा शिकंजा : विश्वविद्यालय ने खत्म किया ऑन ड्यूटी का प्रावधान, अब लेनी होगी अनिवार्य छुट्टी

विश्वविद्यालय ने खत्म किया ऑन ड्यूटी का प्रावधान, अब लेनी होगी अनिवार्य छुट्टी
UPT | DDU University

Jul 20, 2024 14:06

शिक्षकों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब सेमिनार, कांफ्रेंस या अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए बाहर जाने पर उन्हें अपनी छुट्टी का उपयोग करना होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि...

Jul 20, 2024 14:06

Short Highlights
  • गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षकों के लिए नए नियम लागू किए हैं
  • शिक्षकों को शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए बाहर जाने पर अपनी छुट्टी का उपयोग करना होगा
Gorakhpur News : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षकों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब सेमिनार, कांफ्रेंस या अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए बाहर जाने पर उन्हें अपनी छुट्टी का उपयोग करना होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ऑन ड्यूटी का कोई प्रावधान अब नहीं रहेगा, जिससे शिक्षकों को अपने अवकाश का ध्यान रखना होगा।

शिक्षकों को लेनी होगी ड्यूटी लीव और स्टेशन लीव
नए नियमों के अनुसार, शिक्षकों को विश्वविद्यालय के अंदर होने वाले कार्यक्रमों जैसे वाइवा, प्रैक्टिकल या खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी शहर से बाहर जाने पर ड्यूटी लीव और स्टेशन लीव लेनी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कुछ शिक्षक इन कार्यक्रमों के बहाने लंबे समय तक बिना उचित अनुमति के शहर से बाहर रहते थे, जिससे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होती थीं।

कम नहीं होगी शिक्षकों के शिक्षण दिवसों की संख्या
शासन के निर्देशानुसार, शिक्षकों को पूरे सत्र में अधिकतम 30 दिनों का कार्यवकाश (ड्यूटी लीव) दिया जा सकता है। इस अवधि में वे विश्वविद्यालय द्वारा आवंटित सभी प्रकार के कार्य करेंगे। किसी भी बाहरी कार्यक्रम के लिए जाने पर यह समय इसी छुट्टी में गिना जाएगा। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों के शिक्षण दिवसों की संख्या कम नहीं की जाएगी।

कुलसचिव से लेनी होगी अनुमति
नए नियमों के तहत, शिक्षकों को अब स्टेशन छोड़ने से पहले कुलसचिव से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, वाइवा और विश्वविद्यालय के अन्य कार्यों में शिक्षकों को बदल-बदलकर कार्य दिया जाएगा, ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कई शिक्षक बिना सूचना के शहर से बाहर चले गए थे, और कई महत्वपूर्ण बैठकों में डीन और विभागाध्यक्ष भी अनुपस्थित रहे थे।

कुलपति ने दी जानकारी
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इन नए नियमों के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि हर सेमेस्टर में कम से कम 90 दिन पढ़ाई हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। इन नए नियमों से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अनुशासन बढ़ने और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।

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