कर निर्धारण अधिकारी शशिकला ने बताया कि शहर में विज्ञापन के कारोबार के लिए नगर पालिका के राजस्व विभाग में प्रार्थना पत्र देकर अनुमति लेनी हो़ती है। इसके लिए बाकायदा बाइलाज बना है। अनुमति के बाद निर्धारित जगह पर यूनिपोल या होर्डिंग लगवाया जाता है।
बड़ा खेल : नगर पालिका देवरिया में विज्ञापन के नाम पर लाखों रुपये का गड़बड़झाला, जानिए कैसे हुआ इसका खुलासा
Feb 21, 2024 19:05
Feb 21, 2024 19:05
- शहर में लगभग 70 यूनिपोल मिले हैं अवैध
- कर निर्धारण अधिकारी ने राजस्व निरीक्षक से तीन दिन के भीतर मांगा जवाब
शहर में यूनिपोल या होर्डिंग लगाने के लिए नगर पालिका की अनुमति जरूरी
कर निर्धारण अधिकारी शशिकला ने बताया कि शहर में विज्ञापन के कारोबार के लिए नगर पालिका के राजस्व विभाग में प्रार्थना पत्र देकर अनुमति लेनी हो़ती है। इसके लिए बाकायदा बाइलाज बना है। अनुमति के बाद निर्धारित जगह पर यूनिपोल या होर्डिंग लगवाया जाता है। साथ ही 10 हजार रुपये सिक्योरिटी व 22500 रुपये सालाना टैक्स के रूप में जमा करना होता है। यह अनुमति सिर्फ दो साल के लिए होती है। इसके बाद यूनिपोल स्वामी को 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क जमाकर अनुमति रिन्यू कराना होता है।
नगर पालिका को 10 लाख के करीब राजस्व का नुकसान
कर निर्धारण अधिकारी की जांच में जो 70 के करीब अवैध यूनिपोल लगे हैं उनसे सालाना आठ लाख रुपये का नुकसान सीधे उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा भी तमाम अवैध यूनिपोल और होर्डिंग शहर के विभिन्न सड़कों पर लगाए गए हैं। सभी की नंबरिंग कराई जाए तो राजस्व के नुकसान का आंकड़ा 10 लाख रुपये के पार जा सकता है।
विकास के काम आता यह पैसा
विज्ञापन मद से हुए धनराशि का व्यय पालिका नगर के विकास कार्यों नाली, सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, साफ-सफाई पर करती है। पालिका की आय में गृहकर, जलकर, दुकान किराया आदि के अलावा विज्ञापन मद का बड़ा योगदान है।
ऐसे चल रहा विज्ञापन का अवैध करोबार
विज्ञापन के कई ऐसे धंधेबाज हैं जो चार वैध तो चार अवैध यूनिपोल सड़कों पर लगाए हैं। बाबुओं को खर्चा-पानी देकर यह विज्ञापन बुक करते रहते हैं। प्रत्येक यूनिपोल के दोनों साइड विज्ञापन का लगभग 15 हजार रुपये प्रति महीना शुल्क लिया जाता है। ऐसे में एक यूनिपोल से कमाई औसत 1.80 लाख रुपये सालाना होती है।
क्या बोलीं कर निर्धारण अधिकारी
कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि देवरिया शहर में लगभग 70 यूनिपोल अनाधिकृत तरीके से फाउंडेशन तैयार कर, विज्ञापन लगाकर चलाया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। मेरे समक्ष कोई पत्रावली प्रस्तुत नहीं की गई है। जो पुराने यूनिपोल लगे हैं अधिकांश का समय पूरा हो चुका है। इस संबंध में राजस्व निरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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