पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय देवरिया में फूड पॉइजनिंग से बीमार एक बच्चे की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई।
देवरिया में फूड पॉइजनिंग से पीड़ित एक छात्र की मौत : पांच अगस्त को 60 बच्चे हुए थे प्रभावित
Aug 08, 2024 01:11
Aug 08, 2024 01:11
60 में से दो बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया था
बता दें कि 5 अगस्त को पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। स्कूल में पढ़ने वाले करीब 60 बच्चे अचानक बीमार हो गए। इन बच्चों को तुरंत नजदीकी महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया में भर्ती कराया गया। बच्चों की बिगड़ती हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने तुरंत ही स्थिति की गंभीरता को समझा और उनमें से दो बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
6 अगस्त की दोपहर को शिवम की हालत और बिगड़ गई
गंभीर हालत में रेफर किए गए छात्रों में से शिवम यादव (12 वर्ष) कक्षा सातवीं,निवासी आनंदनगर जनपद महराजगंज थे। शिवम की तबियत 5 अगस्त को अचानक खराब होने लगी थी। देवरिया मेडिकल कॉलेज में प्रारंभिक इलाज के बाद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। तब 6 अगस्त की दोपहर को शिवम की हालत और बिगड़ गई, उनका बीपी अप्रत्याशित रूप से गिरने लगा और उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।
शिवम की हालत में कोई सुधार नहीं होने पर शाम करीब 4 बजे उन्हें एडवांस लाइफ सेविंग एम्बुलेंस के माध्यम से बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेजा गया। वहां पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और उनकी स्थिति की लगातार निगरानी की गई। जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल सीएमओ डॉ. सुरेंद्र चौधरी को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भेजा ताकि बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके और शिवम को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिल सके। हालांकि इन सभी प्रयासों के बावजूद बुधवार सुबह शिवम यादव की मौत हो गई। इस कारण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। शिवम यादव पुत्र सदानन्द यादव भैसहिया रामनगर तहसील फरेंदा, जनपद महराजगंज थे। उनके निधन से परिवार में शोक का माहौल है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
यह घटना स्कूल में खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर उठाती है गंभीर सवाल
फूड प्वाइजनिंग की इस घटना ने न केवल बच्चों और उनके परिवारों को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना स्कूल में खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। स्कूल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस घटना से सीख लेते हुए खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को और सख्त बनाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा स्कूल प्रशासन को भी इस मामले में जवाबदेह ठहराया गया है। फूड प्वाइजनिंग की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है जो खाने के सैंपल्स की जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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