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सीबीआई की बड़ी कार्रवाई : सलेमपुर में सीनियर सेक्शन इंजीनियर 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार, भेजे गए जेल

सलेमपुर में सीनियर सेक्शन इंजीनियर 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार, भेजे गए जेल
UPT | प्रतीकात्मक फोटो।

Apr 19, 2024 22:20

बुलंदशहर निवासी ट्रैक मेंटेनर चंद्रवीर ने सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की थी कि उसका तबादला 3 अप्रैल को मुरादाबाद डिवीजन में कर दिया गया था। उसकी एनओसी भी जारी कर दिया गया था।

Apr 19, 2024 22:20

Deoria News : सलेमपुर में सीनियर सेक्शन इंजीनियर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने उनको 20 हजार रुपये रिश्वत लेते बुधवार देर रात रंगे हाथ पकड़ा। वह अपने अधीनस्थ ट्रैक मेंटेनर का तबादला होने के बाद रिलीव करने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। इसकी शिकायत होने पर सीबीआई ने उसे रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।

ट्रैक मेंटेनर ने सीबीआई से की थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर निवासी ट्रैक मेंटेनर चंद्रवीर ने सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की थी कि उसका तबादला 3 अप्रैल को मुरादाबाद डिवीजन में कर दिया गया था। उसकी एनओसी भी जारी कर दिया गया था। हालांकि उसे रिलीव करने के लिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत सही पाए जाने पर सीबीआई की ट्रैप टीम को सलेमपुर भेजा गया। टीम ने चंद्रवीर को 20 हजार रुपये देकर संजय कुमार के पास भेजा। जैसे ही संजय कुमार ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली, टीम ने उसे दबोच लिया। इसके बाद उसके आवास की तलाशी भी ली गई। उसे बृहस्पतिवार को लखनऊ लाकर सीबीआई की विशेष अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

सीबीआई ने चार दिन पहले कर ली थी बातचीत की रिकॉर्डिंग
रेलवे के ट्रैक मैन से 12 अप्रैल की मिली शिकायत के बाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम लगातार चार दिनों से सीनियर सेक्शन इंजीनियर की हर गतिविधि पर नजर रखी हुईं थी। आरोपी इंजीनियर की करतूतों की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई अधिकारियों ने सलेमपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर इसकी जांच-पड़ताल की। यही नहीं सीबीआई अधिकारियों ने पीड़ित रेलकर्मी और सीनियर सेक्शन इंजीनियर के बीच हुई बातचीत को भी दूर से कैमरे में रिकॉर्ड कर सबूत जुटाए थे।

क्या कहा सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने 
बुलंदशहर के रहने वाले चंद्रवीर सिंह की ढाई वर्ष पूर्व ट्रैकमैन पद पर सलेमपुर रेलवे स्टेशन पर तैनाती हुई। तभी से वह अपने जिले के आसपास जाने को प्रयासरत था। 3 अप्रैल को जब उसका स्थानांतरण मुरादाबाद डिवीजन में हुआ तो वह बहुत खुश हुआ, लेकिन सीनियर सेक्शन इंजीनियर के 50 हजार रुपये मांगने से उसका मनोबल गिर गया। पहले तो वह छोटा कर्मचारी होने और अन्य समस्याओं से आरोपी अफसर को अवगत कराया। लेकिन सेक्शन इंजीनियर की कठोरता और रिश्वत को प्रक्रिया का हिस्सा बताने पर वह हैरत में पड़ गया। इससे नाराज रेल कर्मी ने इसकी सीबीआई से शिकायत करने को मन बनाया।

चंद्रवीर सिंह ने इंटरनेट पर सर्च किया जहां से उसे सीबीआई लखनऊ का नंबर मिला। 12 अप्रैल को उसने फोन कर इसकी शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने पीड़ित से पूरी डिटेल लेने के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया। उसके सुबह ही सीबीआई गोपनीय ढंग से सलेमपुर पहुंच गई। यहां शिकायतकर्ता से संपर्क करने के बाद सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पास भेजा। ट्रैकमैन काफी देर तक इंजीनियर से बातचीत करता रहा। इसकी पूरी रिकार्डिंग सीबीआई अधिकारियों दी।

कार्रवाई से रेल कर्मचारियों में हड़कंप 
सीबीआई के इस पूरे ऑपरेशन से बेफिक्र कर्मचारियों-अधिकारियों में तब अफरातफरी मच गई जब अधिकारियों ने अपना परिचय दिया। हालांकि जब तक लोगों को पूरी बात समझ में आती तब तक सीबीआई की टीम आरोपी सेंक्शन इंजीनियर को उसके आवास में बंद कर दिया। बृहस्पतिवार को केस दर्ज होने के पूर्व तक आरोपी से पूछताछ होती रही। ट्रैकमैन चंद्रवीर सिंह बुधवार को जब सेक्शन इंजीनियर के कार्यालय में पहुंचे तो सीबीआई के लोग भी वहां मौजुद थे। कैमिकल लगे कुल 40 नोट को हाथ लेने के बाद सेक्शन इंजीनियर ने रुपये को तकिए के नीचे रखने के लिए कहा। चर्चा है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर के कार्यालय में बृहस्पतिवार की शाम इन रुपयों से पार्टी होने वाली थी। हालांकि इसके पहले ही सीबीआई की टीम ने आरोपी को हिरासत में लेकर क्षेत्र में खलबली मचा दी।

छह वर्ष से सलेमपुर में तैनात था सीनियर सेक्शन इंजीनियर
गोरखपुर के बुद्धनगर के रहने वाले आरोपित सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार वर्ष 2018 से सीनियर सेक्शन इंजीनियर पूर्वोत्तर रेलवे कार्यालय पर तैनात था। यहां आने के बाद वह चर्चा में आ गया। पैसा की मांग करने के मामले में कई बार विवाद भी हुआ था। वह सीवान रेलवे स्टेशन से स्थानांतरण होकर सलेमपुर आया था। लगातार छह वर्ष तक एक ही कार्यालय में तैनात रहने के चलते उसकी पैठ स्थानीय स्तर पर भी बन गई थी। वह कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार भी करने लगा। बताया जाता है कि डेढ़ वर्ष पहले पैसे लेकर उसने एक कर्मचारी को सस्पेंड भी कर दिया था। इनके व्यवहार को लेकर कर्मचारियों में काफी नाराजगी थी।
 

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