देश में आम चुनावों का भले अभी ऐलान न हुआ हो लेकिन देवरिया में राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है। राजनीतिक पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कस ली है। वर्तमान में यहां सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। जानते हैं यहां के राजनीतिक समीकरण।
लोकसभा चुनाव-2024 : देवरिया में कौन, किसको देगा मात, बिछने लगी राजनीति की बिसात
Dec 20, 2023 17:55
Dec 20, 2023 17:55
- लोकसभा चुनाव-2024
- देवरिया में कौन, किसको देगा मात, बिछने लगी यहां राजनीति की बिसात
देवरिया विधानसभा सीट
देवरिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 7 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें रूद्रपुर, देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना, भाटपाररानी, सलेमपुर और बरहज शामिल हैं। 2017 में देवरिया विधानसभा सीट से भाजपा के जनमेयजय सिंह विधायक बने थे और 2022 में यहां से बीजेपी के शलभमणि त्रिपाठी ने जीत हासलि की। इस विधानसभा सीट पर बसपा का आज तक खाता भी नहीं खुल सका है। यह सीट सवर्ण बाहुल्य है। यहां ओबीसी मतदाता भी अच्छी खासी तादाद में हैं। 2012 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है।रूद्रपुर विधानसभा सीट
वर्तमान में रूद्रपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। 2012 में इस सीट से कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह और 2017 में बीजेपी के जयप्रकाश निषाद विधायक निर्वाचित हुए। वहीं 2022 में भी जयप्रकाश निषाद यहां से विधायक बने। 1957 के बाद से इस सीट का इतिहास रहा है कि कोई भी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीता था, लेकिन बीजेपी ने यहां दो बार चुनाव जीतकर इसको गलत साबित कर दिया। इस विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक मतदाता हैं।पथरदेवा सीट विधानसभा सीट
बीजेपी के सूर्य प्रताप शाही वर्तमान में भी पथरदेवा के विधायक हैं। जो लगातार दो बार से इस सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के शाकिर अली ने जीत हासिल की थी। 2017 में बीजेपी के सूर्य प्रताप शाही ने चुनाव में विजय हासिल की और इसके बाद 2022 में भी वहीं इस सीट से विधायक हैं। पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र 2012 के चुनाव से अस्तित्व में आया है। इस विधानसभा क्षेत्र में सवा तीन लाख से अधिक वोटर हैं। यहां मुस्लिम और ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।रामपुर कारखाना सीट
2022 में भाजपा ने रामपुर कारखाना से पार्टी विधायक कमलेश शुक्ल का टिकट काटकर संगठन के सामान्य कार्यकर्ता सुरेंद्र चौरसिया को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने यहां से जीत हासिल कर विधायक की कुर्सी पर कब्जा जमाया। रामपुर कारखाना विधानसभा सीट भी 2012 में अस्तित्व में आई थी। जहां से 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की गजाला लारी विधायक निर्वाचित हुई थीं। 2017 में बीजेपी के कमलेश शुक्ला ने यहां से जीत हासिल की थी। इस विधान सभा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख मतदाता हैं। जिनमें सवर्ण मतदाताओं की संख्या अधिक है।भाटपुर रानी विधानसभा सीट
वर्तमान में भाटपुर रानी विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। यहां भाजपा के सभा कुंवर कुशवाह विधायक हैं। जबकि 2007 से लेकर 2017 के चुनाव में सपा ने अपना कब्जा कायम रखा था। यहां कुर्मी वोटरों की संख्या अधिक है। आजादी के बाद से अब तक इस क्षेत्र से कभी बीजेपी के उम्मीदवार को जीत नहीं मिली थी। यहां के मतदाता अक्सर लहर के विपरीत मतदान करते हैं। 1984 के चुनाव में इंदिरा लहर के बावजूद, यहां से निर्दलीय कामेश्वर उपाध्याय जीते थे।सलेमपुर (सुरक्षित सीट)
इस सीट पर भी वर्तमान में भाजपा की विजयलक्ष्मी गौतम विधायक हैं । कभी यह सीट कांग्रेस और सोशलिस्टों का गढ़ रही है। 1980 के चुनाव में बीजेपी ने देवरिया में पहली बार कोई सीट जीती थी और वो सीट सलेमपुर सीट ही थी। 2012 के परिसीमन में ये सीट सुरक्षित सीट कर दी गई। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के मनबोध प्रसाद यहां से जीते तो 2017 में बीजेपी के काली प्रसाद को विजय श्री मिली। वहीं 2022 में भी इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा।बरहज विधानसभा सीट
इस सीट पर भी भाजपा का ही कब्जा है। वर्तमान में यहां बीजेपी के दीपक मिश्रा विधायक हैं। इससे पहले 2017 में यहां से बीजेपी के सुरेश तिवारी विधायक रहे। 2012 के चुनाव में यहां से सपा के प्रेम प्रकाश सिंह चुनाव जीते थे। 2017 में यहां से बीजेपी के सुरेश तिवारी विधायक बने। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख से अधिक वोटर हैं।Also Read
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