ओडीओपी, एमएसएमई से जुड़े उद्यम के साथ महिला सशक्तिकरण की भी दिखेगी झलक।
निर्यात सेक्टर के हाल में भी दिखेंगे गोरखपुर के उत्पाद, दो उद्यमियों का हुआ है चयन।
Gorakhpur News : खबर गोरखपुर से है जहां कल (25 सितंबर) से 29 सितंबर तक नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित हो रहे उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) में 25 स्टालों पर गोरखपुर मंडल की धाक दिखेगी। मंडल से सर्वाधिक भागीदारी गोरखपुर की है जहां से 13 उद्यमी अपने अपने उत्पादों को देश-दुनिया के आगंतुकों और खरीदारों के समक्ष प्रदर्शित करेंगे। खास बात यह है कि गोरखपुर मंडल के उत्पादों में ओडीओपी, एमएसएमई से जुड़े उद्यम के साथ महिला सशक्तिकरण की भी झलक दिखेगी। मंडल से कुल सात महिला उद्यमी इंटरनेशनल ट्रेड शो में अपने बनाए उत्पादों के साथ प्रतिभाग कर रही हैं। इनमें सर्वाधिक चार गोरखपुर से हैं।
इलेक्ट्रिक गुड्स और बायोमास एनर्जी के उत्पाद रहेंगे
यूपीआईटीएस में गोरखपुर के लिए जो 13 स्टाल आवंटित हैं उनमें 5 ओडीओपी, 6 एमएसएमई और 2 एक्सपोर्ट श्रेणी में हैं। ओडीओपी के लिए चार स्टाल टेराकोटा और एक रेडीमेड गारमेंट के लिए है। जबकि एमएसएमई में बेकरी प्रोडक्ट, सैनिटरी नैपकिन, पैकेजिंग इंडस्ट्री, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिक गुड्स और बायोमास एनर्जी के उत्पाद रहेंगे। इसके अलावा एक्सपोर्ट कैटेगरी में प्लाईवुड-लमिनेट्स और टेराकोटा को शामिल किया गया है। कुशीनगर जिले से ओडीओपी में केले के रेशे से बने उत्पाद तथा एमएसएमई में कंक्रीट प्रोडक्ट, हैंडीक्राफ्ट और कालानमक चावल-श्रीअन्न के स्टाल जिले की उद्यमशीलता से लोगों को रूबरू कराएंगे।
दुनिया के बीच चमकने का मिलेगा मौका
महराजगंज जिले के लिए आवंटित स्टालों में एक ओडीओपी और चार एमएसएमई के लिए हैं। ओडीओपी के स्टाल पर विविध प्रकार के फर्नीचर रहेंगे। जबकि एमएसएमई सेक्टर के लिए कालानमक चावल, फ्लोर मिल, राइस और मोमबत्ती-अगरबत्ती कारोबार से जुड़े उद्यमियों को मंच दिया गया है। तीन स्टालों पर देवरिया की उद्यमिता देखी जाएगी। यूपीआईटीएस पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन जिलों के लिए बेहद खास है। कारण यहां के कई उत्पाद जो ओडीओपी में शामिल होने के बाद सुदृढ़ पहचान से जुड़े हैं, उन्हें अब देश ही नहीं दुनिया के बीच चमकने का मौका मिल सकेगा। मिसाल के तौर पर गोरखपुर के टेराकोटा और कुशीनगर के बनाना फाइबर प्रोडक्ट को इसमें शुमार किया जा सकता है। इन दोनों ओडीओपी उत्पाद में कच्चे माल की लागत नाममात्र की होती है लेकिन शिल्पियों के हुनर से तैयार माल बहुमूल्य हो जाता है। योगी सरकार की ओडीओपी योजना और सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन से उद्यम बना शिल्प वैश्विक बाजार का रुख करने को तत्पर है।