गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे : पूर्वांचल की लाइफलाइन बनने को तैयार, 600 किलोमीटर की दूरी घटेगी

पूर्वांचल की लाइफलाइन बनने को तैयार, 600 किलोमीटर की दूरी घटेगी
UPT | symbolic

Nov 13, 2024 18:50

गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक का यह नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि 600 किलोमीटर की दूरी भी कम कर देगा।

Nov 13, 2024 18:50

Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश को एक और बड़ा रोड नेटवर्क मिलने जा रहा है, जो राज्य को अन्य हिस्सों से जोड़ने में क्रांति लाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, जो पूर्वांचल की लाइफलाइन बनकर उभरेगा, तीन राज्यों को जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से को पश्चिम बंगाल और बिहार से सीधे जोड़ेगा। यह नया एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा और अधिक सुविधाजनक साबित होने की उम्मीद है।

गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक की दूरी में कमी
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक का यह नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि 600 किलोमीटर की दूरी भी कम कर देगा। मौजूदा समय में इस सफर को पूरा करने में 15 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह समय घटकर सिर्फ 9 घंटे रह जाएगा। एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर है और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

तीन राज्यों से होगा एक्सप्रेसवे का गुज़रना
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे तीन राज्यों से होकर गुजरेगा: उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिलों को इससे विशेष लाभ मिलेगा। इन जिलों के कुल 111 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। खासतौर पर कुशीनगर के 42 गांव, हाटा के 19 गांव, और कसया के 13 गांव इस अधिग्रहण में शामिल हैं। इसके अलावा, देवरिया जिले के 23 गांव भी इस परियोजना का हिस्सा हैं।

बिहार और पश्चिम बंगाल से भी गुजरेगा मार्ग
उत्तर प्रदेश के बाद यह एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, और किशनगंज शामिल हैं। इस मार्ग में गंडक नदी पर एक नया पुल भी बनाया जाएगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल में इसका अंतिम हिस्सा 18.97 किलोमीटर तक फैला होगा। इस एक्सप्रेसवे का कुल 84.3 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में होगा, जबकि बिहार में 416 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 18.97 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा।



राज्यों को मिलेगी कई प्रकार की सुविधाएं
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का लाभ उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के निवासियों को मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यात्रा का समय कम होगा और परिवहन में भी आसानी होगी। एक्सप्रेसवे को स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश में इसे गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और दिल्ली की यात्रा भी सरल हो जाएगी। 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी की तैयारी
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने की भी योजना बनाई जा रही है। इस कनेक्टिविटी के बाद दिल्ली और अन्य बड़े शहरों तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश को अन्य राज्यों से जोड़ने में यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यातायात को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि पूर्वांचल के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक की यह यात्रा न केवल समय में कमी लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

Also Read

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे डॉ. सुरिंदर सिंह, सीएम योगी ने किया चयन

14 Nov 2024 05:21 PM

गोरखपुर Gorakhpur News : महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे डॉ. सुरिंदर सिंह, सीएम योगी ने किया चयन

गोरखपुर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर डॉ. सुरिंदर सिंह की नियुक्ति की गई है। उनका चयन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। और पढ़ें